अपडेटेड 29 February 2024 at 14:31 IST
1993 सीरियल बम धमाकों का आरोपी अब्दुल करीम टुंडा बरी, सबूतों के अभाव में टाडा कोर्ट का फैसला
सीरियल ब्लास्ट के आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को अजमेर की टाडा अदालत ने बरी कर दिया है।
Abdul Karim Tunda:1993 सीरियल ब्लास्ट के आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को अजमेर की टाडा अदालत ने बरी कर दिया है। अदालत ने टुंडा को किसी भी मामले में दोषी नहीं पाया और सबूतों के आभाव में बरी कर दिया। इसी के साथ टाडा कोर्ट ने इरफान और हमीदुद्दीन को दोषी करार दिया है। इन दोनों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
आतंकवाद और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) अदालत ने दो अन्य आरोपियों इरफान और हमीदुद्दीन को इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। याचिकाकर्ता के वकील शफकत सुल्तानी ने अजमेर में संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘अब्दुल करीम टुंडा को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है। अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सका।’’ टुंडा पर छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर कई ट्रेन में बम विस्फोट करने का आरोप है।
टाडा अदालत ने 30 सितंबर 2021 को मामले के मुख्य आरोपी और दाऊद इब्राहिम के करीबी 81 वर्षीय अब्दुल करीम टुंडा तथा दो अन्य - इरफान उर्फ पप्पू व हमीदुद्दीन - के खिलाफ पांच-छह दिसंबर 1993 की मध्यरात्रि को हैदराबाद, सूरत और मुंबई लखनऊ, कानपुर में विस्फोटों की साजिश रचने के आरोप तय किए थे। याचिकाकर्ताओं के वकील अब्दुल रशीद ने संवाददाताओं को बताया कि इरफान और हमीदुद्दीन को बम रखने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के वकील ने कहा कि मामले में आगे अपील की जाएगी।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 29 February 2024 at 13:42 IST