अपडेटेड 29 December 2024 at 09:20 IST

'50-55 धर्माचार्य संसद में जाने चाहिए', कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने की वकालत; दिया सनातन बोर्ड के गठन पर जोर

Devkinandan Thakur: कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर मुंबई पहुंचे हुए हैं। यहां उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से अपील की कि एक भी लाड़ली बहना बांग्लादेशी नहीं होनी चाहिए।

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Devkinandan Thakur | Image: Video Grab

Devkinandan Thakur: कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने आवाज उठाई है कि देश की संसद के भीतर 50-55 धर्माचार्य होने चाहिए। देश में वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड को लेकर देवकीनंदन ठाकुर ने फिर से अपनी मांग दोहराई और इसी दौरान उन्होंने कहा है कि अगर धर्माचार्य संसद में जाएंगे तो भारत के संस्कार औरक संस्कृति सुरक्षित होगी।

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर मुंबई पहुंचे हुए हैं। यहां उन्होंने महाराष्ट्र की महायुति सरकार से अपील की कि एक भी लाड़ली बहना बांग्लादेशी नहीं होनी चाहिए। बांग्लादेश की एक भी स्त्री को इसका धन नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि ये टैक्स का पैसा है, जिसमें हिंदू सनातनी सबसे ज्यादा टैक्स भरता है। जो देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं, हमारा धर्म मिटाने का जो षड्यंत्र कर रहे हैं, उन लोगों को ये धन नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने ये भी मांग उठाई कि अवैध बांग्लादेशियों को उनके घर में भेजा जाए।

50-55 धर्माचार्य संसद में जाने चाहिए- देवकीनंदन ठाकुर

देवकीनंदन ठाकुर ने अपने बयान में आगे कहा 'हम चाहते हैं 50-55 धर्माचार्य संसद में जाने चाहिए, जो तय करेंगे कि भारत के लिए क्या कानून अच्छा रहेगा और क्या कानून अच्छा नहीं रहेगा। जो लोग भारत को गलत दिशा में ले जाना चाहते हैं, वो इस बात पर सहमत नहीं होंगे। वो नहीं चाहेंगे भारतीयों के संस्कार सुरक्षित हों।' देवकीनंदन ने कहा कि संसद में धर्माचार्यों का जाना बहुत जरूरी है। मुझे सांसद नहीं बनना है और मुझे इलेक्शन नहीं लड़ना है, लेकिन  धर्माचार्य जाएंगे तो देश और संस्कृति बचेगी। उन्होंने ये भी कहा कि पढ़ाई के सिस्टम में रामायण और गीता अनिवार्य होनी चाहिए, जिससे हर परिवार को सनातनी बेटा-बेटी मिल जाए।

सनातन बोर्ड के लिए हिंदू भूमिका निभाएं- देवकीनंदन ठाकुर

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि कोर्ट में गीता की कसम खिला सकते हैं और स्कूल में गीता नहीं पढ़ा सकते? कभी कभी लगता है कि ये षड्यंत्र है, हमारे बच्चों को संस्कृति के दूर रखने का। समाज और सरकार को जागना होगा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के पास वक्फ बोर्ड है, क्रिश्चन के पास उनकी भी संस्था है। इसलिए हमें भी सनातन धर्म की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड की जरूरत है। जब किसी का पूजा स्थान सरकार के अंतर्गत में नहीं है तो हमारे पूजा के स्थान सरकार के अंतर्गत में क्यों हैं। सनातन बोर्ड के निर्माण के लिए प्रत्येक हिंदू अपनी अहम भूमिका निभाएं।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 29 December 2024 at 09:20 IST