अपडेटेड 11 August 2021 at 08:03 IST

13 साल की लेखिका सिया गुप्ता ने महाभारत की कहानी को 1,000 छंदों में पिरोया

दिल्ली की सिया गुप्ता ने प्रेम और नफरत व सच्चाई और छल की सदियों पुरानी महाभारत की गाथा को 1,000 छंदों में पिरोते हुए कविता में बदल दिया है।

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Image: @amitabhk87/Twitter | Image: self

उम्र से हमारे जिंदगी में कभी रूकावट नहीं आती, उम्र के किसी भी पड़ाव में हम अपनी काबिलियत को साबित कर सकते हैं। ऐसे बहुत से उदाहरण हमारे समाज में भरे पड़ें हैं। आज हम आपको 13 साल की जिया का किस्सा बातएंगे। जिसने अपनी छोटी सी उम्र में मिशाल पेश की है। 

दिल्ली की रहने वाली जिया ने प्रेम और नफरत व सच्चाई और छल की सदियों पुरानी महाभारत की गाथा को एक हजार छंदों में पिरोते हुए कविता में बदल दिया है। जिया ने यह पहली बार नहीं किया है। इससे पहले उसने आठ साल की उम्र में अपनी पहली पुस्तक 'द मैजिकल वर्ल्ड ऑफ पोएम्स' लिखी थी। सिया ने अलादीन, सिंड्रेला, स्नो वाइट एंड सेवन ड्वार्फ्स और ब्यूटी एंड द बीस्ट की लोकप्रिय कहानियों पर आधारित 'टेल्स इन द राइम' भी लिखी है। अभी हाल ही में सिया ने 'द महाभारत इन राइम' लिखी है। 

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सिया की 'द महाभारत इन राइम' 

पुस्तक की शुरुआत में, उन्होंने लिखा, "यह महाकाव्य कहानी आप सभी को पता होनी चाहिए, जो कई चाँद पहले हुई थी!" अपनी पुस्तक में, उन्होंने भीष्म की मृत्यु के साथ इस कथा का अंत किया। लेखिका ने बताया कि वास्तव में वहां कोई नहीं जीता सब हार गए। इस लेखिका ने महाकाव्य कथा को दर्दनाक रूप से इंगित करते हुए समाप्त किया। उसने बताया कि यह कहानी हमें एक सबक सिखाती है। जिससे हम सभी संबंधित हो सकते हैं, हमें भीष्म के जीवन और हस्तिनापुर के भाग्य से सीखना चाहिए!"

सिया की सचित्र पुस्तक, "द महाभारत इन राइम" से, वह पता लगाती है कि महाभारत के विषय आज भी कैसे जुड़ा हुआ है। सिया ने बताया कि कैसे हर कोई भीष्म के जीवन और भाग्य से सीख सकता है जिसने हस्तिनापुर को लगभग नष्ट कर दिया। उसने सरल कविताओं में, हस्तिनापुर राज्य के लिए पांडवों और कौरवों के बीच हुए युद्ध के इतिहास में घटनाओं, व्यक्तित्वों और नैतिक मुद्दों के बारे में बात की है। 


ओम बुक्स इंटरनेशनल के इंप्रिंट ओम किड्ज ने प्रकाशित की है और इसे पहली बार जयपुर साहित्य महोत्सव 2021 में पेश किया गया। महोत्सव की सह निदेशक नमिता गोखले के अनुसार, महाभारत की कहानी कविता के माध्यम से सुनाने का यह प्रयास नई पीढ़ी के लिए इस महान काव्य को जीवंत करने जैसा है। 

युवा लेखक के लिए प्रधानमंत्री की युवा पहल

प्रधानमंत्री ने युवा मेंटरिंग योजना की हाल ही में शुरुआत की है। लेखकों के लिए शुरू की गई यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य को बढ़ावा देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित की गई। 

इस पहल का उद्देश्य 30 वर्ष से कम उम्र के 75 उभरते लेखकों को पढ़ाना है जो खुद को व्यक्त करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हैं। मेंटरशिप पहल के तहत, प्रत्येक लेखक को छह महीने की अवधि के लिए प्रति माह 50,000 रुपये का संचयी वजीफा मिलेगा।

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Published By : Chandani sahu

पब्लिश्ड 11 August 2021 at 07:58 IST