अपडेटेड 14 July 2025 at 09:56 IST

EXPLAINER: विंबलडन जीतने पर पुरुष को ट्रॉफी, लेकिन महिला को प्लेट क्यों मिलती है?

Wimbledon 2025: जैनिक सिनर ने विंबलडन 2025 के फाइनल में कार्लोस अल्कराज को हराकर इतिहास रचा, वहीं महिला वर्ग में इगा स्विएटेक अमेरिकी खिलाड़ी अमांडा अनिसिमोवा को हराकर विंबलडन चैंपियन बनीं।

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जैनिक सिनर ने विंबलडन 2025 के फाइनल में कार्लोस अल्कराज को हराकर इतिहास रच दिया है। वो 148 सालों के इतिहास में विंबलडन खिताब जीतने वाले इटली के पहले खिलाड़ी बने। 
 

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सिनर ने पुरुष वर्ग में खिताब अपने नाम किया, जबकि इगा स्विएटेक महिला वर्ग के फाइनल में अमेरिकी खिलाड़ी अमांडा अनिसिमोवा को हराकर विंबलडन चैंपियन बनीं। 
 

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क्या आपको पता है कि विंबलडन खिताब जीतने वाले पुरुष और महिला खिलाड़ी को अलग-अलग ट्रॉफी दिया जाता है? इसके पीछे की बड़ी वजह क्या है? आइए विस्तार से जानते हैं। 
 

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विंबलडन में पुरुष वर्ग का चैंपियन जहां पारंपरिक स्वर्ण कप उठाता है, वहीं महिला वर्ग की विजेता को एक बड़ी चांदी की प्लेट दी जाती है, जिसे वीनस रोजवाटर डिश के नाम से जाना जाता है।
 

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इसके पीछे की वजह यूरोपीय विचारधारा की कुछ पुरानी सोच पर आधारित है। वीनस रोजवाटर डिश को 1864 में बर्मिंघम के पूर्व रजतकार एल्किंगटन एंड कंपनी ने बनाई थी। 
 

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19वीं सदी में, महिलाओं को अक्सर घर की रखवाली करने वाली के रूप में देखा जाता था। इसलिए, उन्हें कोई व्यंजन देना शायद विक्टोरियन काल के पुराने दृष्टिकोण को दर्शाता होगा। 
 

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जहां महिलाओं को घरेलू कामों से जोड़ा जाता था, और शायद इसीलिए उन्हें कोई व्यंजन भेंट किया गया होगा। विंबलडन में महिला चैंपियन को अभी भी ट्रॉफी नहीं, बल्कि गुलाब जल का बर्तन दिया जाता है।

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Published By : Ritesh Kumar

पब्लिश्ड 14 July 2025 at 09:56 IST