अपडेटेड 17 July 2025 at 11:57 IST

Surya Grahan: करीब 6 मिनट के लिए दोपहर में होगा अंधेरा, जानें 2 अगस्त का सूर्य ग्रहण क्यों है सबसे अलग

Solar Eclipse in Hindi: सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। ऐसे में जब सूर्य ग्रहण लगता है तो उस दौरान व्यक्ति मन ही मन नाम जाप करने लगता है, जिससे कि ग्रहण का कोई नकारात्मक प्रभाव जीवन में ना पड़े।

Follow :  
×

Share


1/11

लेकिन हम बात कर रहे हैं 2 अगस्त साल 2027 को लगने वाले दुर्लभ सूर्य ग्रहण की। जब ये सूर्य ग्रहण लगेगा तो दोपहर के समय आसमान में काला अंधेरा छा जाएगा।

Image: NASA
2/11

ऐसे में दुनिया के अलग-अलग महाद्वीप पर रहने वाले लोग इसे आसानी से देख सकते हैं। यह सूर्य ग्रहण 6 मिनट 30 सेकंड तक रहने वाला है।

Image: Freepik
Advertisement
3/11

ऐसे में दिन का उजाला कहीं गायब हो जाएगा और बस अंधेरा रह जाएगा। अब इसके बाद ये ग्रहण लगभग 100 साल यानी 2114 तक दोबारा देखने को नहीं मिलेगा।

Image: unsplash
4/11

बता दें कि ज्यादातर इस प्रकार के सूर्य ग्रहण 3 मिनट से कम समय तक रहते हैं। लेकिन यह ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों में दोगुना समय से भी ज्यादा समय पर दिखने वाला है।

Image: X
Advertisement
5/11

ऐसे में इसके पीछे कुछ कारण जिम्मेदार हैं। पहला कारण पृथ्वी सूर्य से दूरी पर होने वाली है, जिसे अपसौर भी कहा जाता है। ऐसे में सूरज छोटा दिखेगा।

Image: NASA
6/11

दूसरा कारण है कि चंद्रमा धरती के सबसे करीब होगा, जिससे वो बेहद ही बड़ा दिखाई देने वाला है।

Image: AP
Advertisement
7/11

तीसरा कारण है छाया। बता दें कि चंद्रमा की छाया भूमध्य रेखा से होकर गुजरने वाली है। ऐसे में रास्ते पर परछाई धीमी गति से बढ़ेगी।

Image: Pixabay
8/11

बता दें कि ये सूर्य ग्रहण 2027 को अटलांटिक महासागर से शुरू होगा और यह अरब प्रायद्वीप तक होकर जाने वाला है।

Image: Pixabay
Advertisement
9/11

वहीं इसका समापन हिंद महासागर में जाकर होगा। साथ ही सऊदी अरब के जेद्दा और मक्का से भी इसकी छाया गुजरने वाली है।

Image: Pixabay
10/11

हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। यह एक खगोलीय घटना के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक घटना मानी जाती है। 

Image: freepik
Advertisement
11/11

बता दें कि सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य देवता अदृश्य हो जाते हैं, जिसे एक पवित्र और आध्यात्मिक समय माना जाता है। इस समय प्रार्थना, ध्यान और पवित्र कर्मों का विशेष महत्व है।

Image: freepik

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 17 July 2025 at 11:51 IST