अपडेटेड 7 July 2025 at 12:43 IST

Sawan 2025: शिवलिंग पर क्यों चढ़ाए जाते हैं बेल पत्र?

बता दें, इस पर सावन के महीने की शुरुआत 11 जुलाई को हो रही है। वहीं पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ने वाला है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग न केवल सावन के सोमवार को व्रत रखते हैं बल्कि बेलपत्र भी चढ़ाते हैं।

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लेकिन क्या आपको पता है कि बेलपत्र शिवलिंग पर क्यों चढ़ाते हैं  तो उसके पीछे एक कथा प्रचलित है, जिसके बारे में जानना जरूरी है।

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कहते हैं कि समुद्र मंथन के वक्त जब विष निकला था तब भगवान शिव ने उस विष से दुनिया को बचाने के लिए उसे अपने गले में धारण कर लिया।

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लेकिन इस कारण उनका कंठ नीला हो गया। ऐसे में उनका पूरा शरीर अत्यधिक गर्म हो गया। इससे वातावरण में भी गर्मी होने लगी।

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बता दें कि बेलपत्र विष के प्रभाव को कम करता है। ऐसे में सभी देवी देवताओं ने बेल पत्र शिव जी को खिलाना शुरू कर दिया। 

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बेल पत्र के साथ-साथ शिवजी को शीतल रखने के लिए उन पर जल भी चढ़ाया गया। बेलपत्र और जल के प्रभाव से भोलेनाथ के शरीर को ठंडक मिली। ऐसे में तभी से उन्हें बेलपत्र चढ़ाया जाने लगा।

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इसके पीछे एक और कथा प्रचलित है। कहते हैं, कि एक भील नाम का डाकू था जो लूट-पाट करता था। सावन के महीने में वह एक जंगल गया और पेड़ पर चढ़ गया। 

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अब वो पूरे दिन अपने शिकार का इंतजार करता रहा लेकिन उसे कोई भी शिकार नहीं मिला। पर डाकू पेड़ पर छिपा था। 

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अब पूरी रात गुजर गई और भील बेहद ही परेशान हो गया। ऐसे में वह अपना समय बिताने के लिए बेलपत्र के पत्तों को तोड़कर नीचे गेरने लगा।

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उस पेड़ के नीचे एक शिवलिंग था तो वो पत्ते शिवलिंग पर गिर रहे थे। लेकिन भील इस बात से अनजान था। पर शिवजी भील से बेहद ही प्रसन्न हो गए।

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ऐसे में शिवजी उस डाकू के सामने  प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा साथ ही उसका उधार भी किया। तभी से बेलपत्र चढ़ाने का महत्व और बढ़ गया। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 7 July 2025 at 12:43 IST