अपडेटेड 21 July 2025 at 11:01 IST

Kamika Ekadashi Vrat Katha: कामिका एकादशी व्रत रखने वाले आज शाम जरूर पढ़ें ये कथा, जानें

Kamika Ekadashi Vrat Katha: कामिका एकादशी का व्रत तभी सफल हो सकता है जब उनकी व्रत कथा पढ़ी जाए। यदि आपने भी सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखा है तो ऐसे में आपको व्रत कथा के बारे में पता होना जरूरी है।

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प्राचीन समय की बात है एक गांव में पहलवान रहता था। उसे बेहद ही क्रोध आता था। इसलिए उसका हर वक्त किसी ने किसी से झगड़ा हो जाता था।

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एक बार पहलवान का झगड़ा ब्राह्मणों से हो गया। ऐसे में उसने अपने गुस्से में आकर ब्राह्मण की हत्या कर दी, जिससे उस पर ब्रह्म हत्या का पाप लगा।

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बाद में पहलवान को अपनी गलती का अहसास हुआ और वह ब्राह्मण के अंतिम संस्कार में शामिल होने गया तो उसे वहां कुछ पंडितों ने भगा दिया।

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वहीं पंडितों ने पहलवान को ब्रह्म हत्या का पापी मानकर न केवल उसका बहिष्कार किया बल्कि पहलवान के घर कोई भी धार्मिक कार्य न हो सके उसका भी निश्चय किया।

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ऐसे में पहलवान ने जब अपने ऊपर लगे ब्रह्म हत्या के पाप को दूर करने का उपाय एक साधु से पूछा तो उन्होंने बताया कि सावन महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखें।

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ऐसे में पहलवान ने न केवल विधि पूर्वक एकादशी का व्रत किया बल्कि उसके व्रत से प्रसन्न होकर श्री हरि ने दर्शन भी दिए। ऐसे में भगवान विष्णु ने उसे हत्या दोष से मुक्त कर दिया।

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तभी से ये कामिका एकादशी के व्रत की शुरुआत हुई। इस दिन व्रत कथा पढ़ने से व्यक्ति को विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 21 July 2025 at 11:01 IST