अपडेटेड 10 August 2025 at 14:12 IST

Janmashtami 56 Bhog: श्रीकृष्ण को क्यों लगाते हैं 56 भोग का प्रसाद? जानें क्या है इसका महत्व

Janmashtami 56 Bhog: जन्माष्टमी का त्योहार आ रहा है। इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इस 56 भोग का खास महत्व है और इससे जुड़ी कई खास कहानियां भी हैं।

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श्रीकृष्ण के लिए साज-श्रृंगार और 56 भोग खास महत्व रखता है। 56 भोग में श्री-कृष्ण को तरह-तरह के पकवान खिलाए जाते हैं।

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श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने के लिए सात्विक भोजन बनाया जाता है, जिसमें प्याज-लहसुन भी ना हो।

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इस छप्पन भोग में मीठा, खट्टा, मसालेदार, नमकीन और कड़वा भोग लगाया जाता है। 56 भोग लगाने के पीछे की कई पौराणिक कथाएं हैं। इन कथाओं के अंतर्गत पहले देवराज इंद्र को खुश करने के लिए महाउत्सव रखा जाता था।

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इसे लेकर कान्हा ने अपने पिता नंनद से कहा कि आखिर सालभर बारिश के लिए इंद्रदेव को खुश करने के लिए महाउत्सव क्यों रखा जाता है। इसके लिए तो गोवर्धन पर्वत की पूजा होनी चाहिए।

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श्रीकृष्ण की इस बात को लेकर देवराज इंद्र नाराज हो गए और ब्रज में काफी बारिश करवा दी थी, जिससे वहां बाढ़ आ गई। 

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ऐसे में ब्रज के लोगों को इंद्रदेव के प्रकोप से बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने 7 दिनों तक अन्न-जल ग्रहण किए बिना गोवर्धन पर्वत को एक उंगली पर उठाया।

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8वें दिन जब बारिश समाप्त हुई, तो कान्हा ने ब्रजवासियों को गोवर्धन पर्वत से बाहर निकाला। श्रीकृष्ण का 7 दिनों तक भूखा रहना यशोदा मैया और ब्रजवासियों को अच्छा नहीं लगा।

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ऐसे में मां यशोदा और ब्रजवासियों ने आठ पहर के हिसाब से 7*8= 56 प्रकार की अलग-अलग व्यंजन बनाकर कान्हा को भोग लगाया। तब से ही श्रीकृष्ण को 56 प्रकार के भोग लगाने की प्रथा बन गई।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 10 August 2025 at 14:12 IST