अपडेटेड 25 April 2025 at 22:20 IST

Maa Sita: मां सीता की पहली रसोई में हुआ कुछ ऐसा... डर गए ससुर दशरथ, रावण की भी बची जान

Ramayana Story in Hindi: बता दें कि राजा दशरथ ने मां सीता से अपनी खीर बनाई की रस्म के बाद एक वचन लिया, उसी वजन के कारण सीता हरण के दौरान रावण की जान बची। जानें

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पौराणिक कथा के अुनसार, जब मां सीता शादी के बाद अयोध्या आईं तो पहली रसोई की रस्म में खीर बनाई। राजा दशरथ के साथ परिवार और मुख्य ऋषि को भी बुलाया। 

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जब माता सीता ने खीर परोसी तो उस दौरान तेज हला चली, जिसके कारण पत्तल हिलने लगे। उस समय राजा दशरथ के पत्तल में एक घास का टुकड़ा गिर गया।

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हालांकि मां सीता ने वो टुकड़ा देख लिया था लेकिन वो कुछ कर नहीं पाईं। ऐसे में उन्होंने दूसरा तरीका अपनाया। उन्होंने अपनी आंखों से घास को देखा और...

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वो घास का टुकड़ा हवा में उड़ा और देखते ही देखते भस्त हो गया। इस चमत्कार को किसी ने नहीं देखा पर राजा दशरथ ने सब देखा।

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और उस दृश्य को देखकर वो थोड़ा डर भी गए। वो समझ गए कि माता सीता कोई आम महिला नहीं हैं।

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ऐसे में जब खीर बनाई की रस्म पूरी हुई तो बाद में मां सीता को राजा दशरथ ने अपने कक्ष में बुलाया और बताया कि उन्होंने चमत्कार देख लिया था। 

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उन्होंने मां सीता से एक वचन मांगा। वे बोले कि जैसे आज तुमने उस घास के टुकड़े को देखा है वैसे आज के बाद किसी को नहीं देखना। मां सीता ने स्वीकार किया। 

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यही वजह थी कि मां सीता अशोक वाटिका में रहने के दौरान रावण से सीधे तौर पर बात नहीं करती थीं बल्कि घास के टुकड़े का इस्तेमाल करती थीं। 

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क्योंकि माता सीता जानती थी कि अगर वो रावण को क्रोध भरी नजरों से देखेंगी तो वो भस्म हो जाएगा। 

Image: IMDb

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 25 April 2025 at 22:18 IST