अपडेटेड 16 June 2025 at 14:29 IST

लहसुन और प्याज को क्यों माना जाता है तामसिक भोजन? कुछ धर्मों में क्यों है निषेध

प्याज और लहसुन को लेकर भारत में लंबे समय से बहस चलती रही है। कई आध्यात्मिक गुरु प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन बताते हैं। एक तरफ वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण है, तो दूसरी ओर आध्यात्मिक और धार्मिक मान्यताएं। जानतें हैं कुछ धर्मों में क्यों है ये निषेध

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प्याज और लहसुन को स्वाद और स्वास्थ्य दोनों के लिए उपयोगी माना जाता है। मगर धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इसे अक्सर तामसिक यानी शरीर और मन को निष्क्रिय और उत्तेजित करने वाला माना जाता है।

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हिंदू धर्म और योग आधारित परंपराओं में तामसिक भोजन से दूर रहने की सलाह दी जाती है। खासकर व्रत, पूजा-पाठ या ध्यान-साधना के दौरान प्याज और लहसुन से परहेज किया जाता है। 

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धर्म गुरु प्रेमानंद महाराज ने कहा है कि जो लोग मोक्ष की ओर बढ़ना चाहते हैं, उनके लिए प्याज और लहसुन से परहेज लाभकारी है। इससे ध्यान और साधना में बाधा हो सकती हैं।

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मगर आयुर्वेद में प्याज और लहसुन दोनों को औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। प्याज में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबैक्टीरियल और शीतलकारी गुण पाए जाते हैं। Image: Shutterstock
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लहसुन को हृदय स्वास्थ्य, पाचन, इम्यूनिटी और यहां तक कि कैंसर से लड़ने में सहायक माना गया है। इनका प्रयोग हजारों वर्षों से भारतीय चिकित्सा पद्धति में होता आया है।

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समाज के भीतर भी इस विषय पर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। कुछ लोग इन्हें तामसिक भोजन? मानकर पूरी तरह त्याग देते हैं, जबकि कुछ केवल विशेष अवसरों पर परहेज करते हैं। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 16 June 2025 at 14:29 IST