अपडेटेड 4 September 2025 at 11:15 IST

हमारा राष्ट्रीय पशु बाघ, फिर भारत को 'हाथी' क्यों कहते हैं विदेशी? चीन को 'ड्रैगन' कहने की वजह भी जानें

आपके मन में ये सवाल उठता होगा कि हमारा राष्ट्रीय पशु तो बाघ है, लेकिन विदेश में भारत की पहचान हाथ के रूप में क्यों होती? इसके अलावा ये भी कि आखिर चीन को ड्रैगन क्यों कहा जाता है।

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संघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में दुनियाभर की नजर भारत और चीन पर थी। समिट में शी जिनपिंग ने बड़ा संदेश देते हुए कहा कि एशिया और दुनिया के विकास के लिए हाथी और ड्रैगन को साथ काम करना होगा। 
 

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आपके मन में ये सवाल उठता होगा कि हमारा राष्ट्रीय पशु तो बाघ है, लेकिन विदेश में भारत की पहचान हाथ के रूप में क्यों होती? इसके अलावा ये भी कि आखिर चीन को ड्रैगन क्यों कहा जाता है। 

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दिलचस्प बात ये है कि भारत को हाथी एक कटाक्ष में रूप में कहा गया था, लेकिन बाद में इसकी ताकत पूरी दुनिया ने देखी। 90 की दशक में भारत की अर्थव्यवस्था की तुलना हाथी से होती थी। मतलब धीमी लेकिन स्थिर। 
 

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हाथी की पहचान विशाल, धीमी और स्थिर के तौर पर होती है। यही वजह है कि पश्चिमी मीडिया और विश्लेषक भारत को 'The Elephant" कहने लगे। वक्त बदला और फिर ये हाथी विशाल के साथ-साथ सरपट दौड़ भी रहा है। 
 

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हाथी शक्ति, सहनशीलता और दीर्घकालिक स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। वैश्विक मंच पर भारत की अर्थव्यवस्था और प्रभाव को हाथी के रूप में देखा जाता है जो धीरे-धीरे लेकिन लगातार बढ़ रही है।
 

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चीन को आधिकारिक तौर पर 'ड्रैगन' नहीं कहा जाता, बल्कि ड्रैगन चीनी लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक शक्तिशाली राष्ट्रीय प्रतीक है, जो शक्ति, सौभाग्य और बुद्धि जैसे गुणों का प्रतीक है।

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ड्रैगन चीनी संस्कृति, धर्म और लोककथाओं में भी गहराई से समाया हुआ है, और हज़ारों वर्षों से पौराणिक कथाओं, त्योहारों और कला रूपों में दिखाई देता है।
 

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Published By : Ritesh Kumar

पब्लिश्ड 4 September 2025 at 11:15 IST