अपडेटेड 23 April 2025 at 15:01 IST
Pahalgam: कोई मनाने आया था हनीमून, तो कोई पत्नी का बर्थडे... आतंक की गोली ने कैसे लील ली जिंदगियां, Photos
पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर की सर्द हवाओं में पीड़ितों का दर्द हमेशा गूंजता रहेगा, आतंकी गोलियों ने किसी को विधवा बना दिया, तो कोई परिवार के आगे ढाल बन गया।
पहलगाम की वादियों में बिछी लाशें गवाह हैं उस खौफ की जिसमें हनीमून मनाने आए नए जोड़े भी मारे गए और रिटायरमेंट के बाद सुकून की तलाश में निकले बुज़ुर्ग भी हमेशा के लिए खामोश हो गए।
मंजूनाथ की मुस्कान वाली आखिरी तस्वीर अब हर आंख नम कर देती है, क्योंकि उस तस्वीर के पीछे छुपा है एक परिवार जो चार दिन पहले तक जिदगी को भरपूर जी रहा था और अब सिर्फ यादों में कैद रह गया है।
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विनय नरवाल की पत्नी की मेहंदी अभी उतरी भी नहीं थी, लेकिन आतंकी गोलियों ने उसे विधवा बना दिया। 6 दिन पहले शुरू हुई जिदगी अब पहलगाम की बंदूकों के शोर में हमेशा के लिए थम गई।
शुभम द्विवेदी की पत्नी की चीखें तब और भी दर्दनाक हो गईं जब उसने आतंकियों से कहा 'मुझे भी मार दो' और जवाब मिला- 'जाओ, सबको बताओ कि हमने क्या किया है? एक प्रेम कहानी को जिंदा गवाही बना दिया गया।
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सुशील नथानियल ने सामने से आ रही गोलियों को अपने उपर ले लिया और पत्नी को छुपा लिया, बेटी को बचाया, लेकिन खुद को आतंकियों के सामने खड़ा कर दिया। उनका बलिदान कश्मीर की सर्द हवाओं में हमेशा गूंजता रहेगा।
Image: xसंदीप नेवपाणे, नेपाल से आए एक ट्रैवल ब्लॉगर थे, जिनकी तस्वीरों में पहाड़ों की शांति और प्रकृति की मुस्कान थी, लेकिन पहलगाम के इस आतंक ने उन्हें भी हमेशा के लिए खामोश कर दिया।
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दिनेश मिरानिया का परिवार गर्मियों की छुट्टियों में खुशियों की तलाश में पहलगाम आया था, लेकिन अब पीछे रह गईं हैं उनकी पत्नी और दो बच्चे और एक ऐसा सन्नाटा जिसे न कोई वक्त भर सकता है, न कोई जगह।
पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले अनंतनाग निवासी सैयद हुसैन शाह की मां आपबीती बताते हुए भावुक हुईं।
Image: RepublicPublished By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 23 April 2025 at 15:01 IST