अपडेटेड 22 June 2025 at 11:33 IST

अगर उड़ते प्लेन पर गिर जाए कड़कती बिजली? जानें फिर क्या होगा हाल

What happens if lightning hits a plane? प्लेन पर बिजली गिरना कितना आम है? क्या आप प्लेन में बिजली गिरने से सुरक्षित हैं? जानें...

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अक्सर आपने सुना होगा कि जब भी मानसून आता है तो उस दौरान बारिश और बिजली के कारण एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स देरी से चलती हैं या कुछ फ्लाइट्स को रद्द कर दिया जाता है। 

Image: AI Generated
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लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि जब प्लेन उड़ता है और आसमान में बादलों के बीच में होता है और उस दौरान जब बिजली चमकती है या फ्लाइट पर बिजली गिर जाती है तो क्या होता है। क्या प्लेन क्रैश हो सकता है? 

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या उसमें बैठे यात्रियों को क्या महसूस होता है? अगर नहीं, तो आज का हमारा लेख आपके लिए है। बता दें कि प्लेन तेज तूफान, भारी बारिश, हवा के तेज झटके और बिजली आदि के बीच में से होकर गुजरता है।

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परंतु इसके अंदर बैठे यात्रियों को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होता। हालांकि अगर उसके साथ कुछ और अन्य खतरनाक परिस्थितियों जुड़ जाएं तब दुर्घटना होने का जोखिम बढ़ जाता है।

Image: X/@FlyANA_official
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अगर उड़ते विमान पर बिजली गिर जाए तो यात्रियों को कुछ भी नुकसान नहीं पहुंचता है। हालांकि अंदर बैठे यात्रियों को तेज आवाज या हल्की चमक भी दिखाई पड़ सकती है। पर किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती।

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हवाई जहाज को बेहद अलग तरीके से डिजाइन किया जा रहा है। नहीं-नई तकनीक प्लेन के अंदर बैठे यात्रियों को सुरक्षित बचाती हैं। विमान के बाहरी ढांचे में एक धातु लगी होती है, जो फैराडे पिंजरे जैसा काम करता है

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ये बिजली को सीधे प्लेन के बाहर से होकर निकल जाने देती है, जिससे यात्रियों को बिजली के झटके महसूस नहीं होते। फैराडे पिंजरा एक ढांचा है जो बिजली को ऊपर से ही वापस भेज देता है और उसे अंदर नहीं जाने देता

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आजकल प्लेन की बॉडी को एल्युमिनियम या किसी मजबूत धातु से तैयार करते हैं, जिससे बिजली गिरने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसके अलावा प्लेन पर कुछ डायवर्टर्स लगाए जाते हैं जो 

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बिजली को दूसरी दिशा में मोड़ देते हैं। जब प्लेन के ऊपर बिजली गिरती है तो इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को तेज झटका लगता है। ऐसे में सर्ज प्रोटेक्टर और ट्रांसऑर्ब डिवाइस इसे बचाते हैं।

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प्लेन में कुछ इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगे होते हैं जो खुद ही रिसेट होकर दोबारा काम करने लगते हैं। इसे 'फेल-सेफ डिजायन' कहते हैं। वहीं, उड़ान भरने से पहले इन सभी तकनीक की जांच होती है। 

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अगर पायलट प्लेन उड़ा रहा है और उसे लगता है कि आगे तेज तूफान बारिश हो सकती है तो वह रास्ता बदल सकता है। इससे अलग अगर बिजली गिर गई है तो…

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पायलट या को-पायलट तुरंत नेविगेशन सिस्टम और रेडियो को जांच करते हैं कि कहीं उनमें तो कोई दिक्कत नहीं आ गई।

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और अगर दिक्कत आ भी जाए तो तुरंत लैंड करा दिया जाता है। अगर प्लेन पर बिजली गिरती है तो अगली उड़ान पर भेजने से पहले प्लेन की अच्छी तरीके से जांच की जाती है। उसकी बाहरी धातु को अच्छे से चेक किया जाता है

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बता दें कि प्रशिक्षित इंजीनियरिंग द्वारा इलेक्ट्रानिक सिस्टम की भी अच्छे से जांच होती है। 

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Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 22 June 2025 at 10:49 IST