अपडेटेड 2 April 2025 at 14:06 IST

Empuraan Controversy: 24 कट के बाद भी कम नहीं हुई 'एम्पुरान' की मुसीबत, निर्माताओं से ‘ऑर्गेनाइजर’ ने पूछे सवाल

तिरुवनंतपुरम, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। सिनेमाघरों में रिलीज के बाद से विवादों का सामना कर रही अभिनेता मोहनलाल-पृथ्वीराज सुकुमारन स्टारर ‘एम्पुरान’ की मुसीबतें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। 24 कट और महत्वपूर्ण सुधार के बावजूद आरएसएस के मुखपत्र 'ऑर्गेनाइजर' ने फिल्म के निर्माताओं से सवाल पूछे।

L2 Empuraan controversy | Image: Republic

Empuraan Controversy: सिनेमाघरों में रिलीज के बाद से विवादों का सामना कर रही अभिनेता मोहनलाल-पृथ्वीराज सुकुमारन स्टारर ‘एम्पुरान’ की मुसीबतें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। 24 कट और महत्वपूर्ण सुधार के बावजूद आरएसएस के मुखपत्र 'ऑर्गेनाइजर' ने फिल्म के निर्माताओं से सवाल पूछे।

मोहनलाल और पृथ्वीराज सुकुमारन स्टारर 'एम्पुरान' की मुसीबत आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में छपे एक नए लेख के साथ बढ़ती दिख रही है। इस बार निर्देशक पृथ्वीराज सुकुमारन और पटकथा लेखक मुरली गोपी पर सवाल उठाए गए हैं। आलोचनाओं के बाद निर्माताओं ने फिल्म में कुल 24 कट लगाने का फैसला लिया और फिल्म का एडिटेड वर्जन बुधवार से प्रदर्शित होने वाला है।

इस बीच, ऑर्गेनाइजर के नए लेख में दावा किया गया है कि पात्रों के नाम और संवाद में बदलाव के बावजूद फिल्म में अभी भी "हिंदू विरोधी भावनाएं" हैं। लेख में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कथानक मसूद सईद (पृथ्वीराज) पर केंद्रित है, जो गुजरात दंगों में अपने परिवार को खोने के बाद हिंदुओं से बदला लेने के लिए आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) में शामिल हो जाता है।

लेख के अनुसार फिर से एडिट किए जाने के बाद भी फिल्म में मसूद को शरण देने वाले इस्लामी आतंकियों को सहानुभूतिपूर्ण व्यक्तियों के रूप में दिखाया गया है। फिल्म में एक दृश्य भी शामिल है, जिसमें एक युवक को भारत के खिलाफ हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

लेख में कहा गया, "विरोध कभी भी फिल्म से गुजरात दंगों को हटाने के लिए नहीं था। मांग गोधरा ट्रेन जलाने समेत अन्य दृश्यों से संबंधित थी। हालांकि, फिल्म में समय को लेकर बदलाव किए गए और भले ही साल 2002 से 'कुछ साल पहले' में बदल दिया गया है, लेकिन मूल कथा वही है, जिसमें हिंदुओं को खलनायक के रूप में दिखाया गया है। लेख में आगे दावा किया गया है कि फिल्म के जरिए इस्लामी आतंक के लिए हिंदुओं को दोषी ठहराया गया है।

फिल्म की कहानी को लेकर पृथ्वीराज सुकुमारन और मुरली गोपी पर निशाना साधा गया और कई तीखे सवाल पूछे गए। “क्या मूल स्क्रिप्ट में कुछ विवादास्पद तत्व थे जिन्हें बाद में हटा दिया गया था? राष्ट्रगान से संबंधित कौन से दृश्य सेंसर बोर्ड ने काटे थे? क्या फिल्म के निर्माण में भारत और विदेश दोनों जगह राष्ट्र-विरोधी ताकतें शामिल थीं? मूल निर्माताओं में से एक ने प्रोजेक्ट से हाथ क्यों खींच लिए? पृथ्वीराज के वित्तीय लेन-देन और खाड़ी देशों से क्या संबंध हैं? क्या बाहरी प्रभावों ने मुरली गोपी की स्क्रिप्ट को राष्ट्र-विरोधी दिशा में आकार दिया?” लेख केरल के समाज से आग्रह करते हुए समाप्त होता है कि वह एम्पुरान के निर्माताओं के “एजेंडे” की जांच करे।

इसमें कहा गया है, "फिल्मों को केवल मनोरंजन के रूप में देखा जाना चाहिए। पृथ्वीराज और मुरली गोपी दोनों को कलात्मक स्वतंत्रता की आड़ में सांप्रदायिक विभाजन और राष्ट्र-विरोधी फिल्म बनाने के प्रयास के लिए माफी मांगनी चाहिए।" 'एम्पुरान' 27 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।

यह भी पढ़ें: '1650 गोलियां, 10 मिनट और 1 आदमी...', जलियांवाला बाग नरसंहार पर बनीं Akshay Kumar की 'केसरी 2' का इस दिन आएगा ट्रेलर


 

 

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 2 April 2025 at 14:06 IST