अपडेटेड 8 September 2024 at 22:04 IST

कला को राजनीतिक नजरिए से देखते हैं फिल्म निर्माता पा. रंजीत, बताई वजह

फिल्म 'थंगालान' को सभी भाषाओं में मिल रही अच्छी प्रतिक्रिया को लेकर फिल्म निर्माता पा. रंजीत ने कहा कि वह कला को राजनीतिक नजरिए से देखते हैं।

Pa Ranjit | Image: IANS

Filmmaker Pa Ranjit: फिल्म 'थंगालान' को सभी भाषाओं में मिल रही अच्छी प्रतिक्रिया को लेकर फिल्म निर्माता पा. रंजीत ने कहा कि वह कला को राजनीतिक नजरिए से देखते हैं। जाति-आधारित उत्पीड़न के खिलाफ अपनी मजबूत आवाज के लिए मशहूर इस फिल्म निर्माता ने 'थंगालान' में भी बौद्ध धर्म पर बात की है। निर्देशक ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ''भारत की सामाजिक संरचना राजनीति में गहराई से समाई हुई है जो कलाकारों को राजनीतिक होने के अलावा कोई विकल्प नहीं देती।''

उन्होंने कहा, ''मेरे लिए सब कुछ राजनीतिक है। भारत में पूरी व्यवस्था राजनीति पर आधारित है। हमें यह समझने की जरूरत है कि हम जाति व्यवस्था और वर्ग व्यवस्था के प्रति उदासीनता बरतते हैं। हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां रीति-रिवाजों और प्रथाओं का पालन किया जाता है।''

फिल्म निर्माता पा. रंजीत नीलम कल्चरल सेंटर नाम का एक संगठन भी चलाते हैं, जिसने मद्रास रिकॉर्ड्स के साथ मिलकर द कास्टलेस कलेक्टिव नामक 19 सदस्यों का एक बैंड बनाया है, जिसमें 4 रैपर्स, 7 इन्स्ट्रमेनलिस्ट और 8 संगीतकार शामिल हैं। बैंड का नाम तमिल जाति-विरोधी कार्यकर्ता और लेखक सी इयोथी थस्सा पंडिता द्वारा इस्तेमाल किए गए वाक्यांश "जाति बेधा मात्रा तमिलरगल" से प्रेरित था। उन्होंने आगे बताया कि हम भारतीय अपने विचारों, धार्मिक चीजों और जाति के बारे में बहुत अलग हैं। समय के साथ बहुत बदलाव हुआ है।

उन्होंने आगे कहा, ''गांव के हर पेड़ के पीछे एक कहानी होती है, उसने उत्पीड़न देखा है, उसने लोगों का उत्थान देखा है। ये वो चीजें हैं जो एक कलाकार के तौर पर मेरी दिलचस्पी जगाती हैं। अपनी कला के जरिए मैं जागरूकता बढ़ाना चाहता हूं। मैं उपदेशक नहीं बनना चाहता, लेकिन मैं चाहता हूं कि दर्शक मेरे काम को देखें और फिर अपने दिमाग का इस्तेमाल करके किसी निष्कर्ष पर पहुंचें और समाज में चीजों को सही करने के लिए प्रेरित हों।'' 

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Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 8 September 2024 at 22:04 IST