अपडेटेड 11 March 2024 at 08:44 IST
Oscars: वॉर पर बनी डॉक्यूमेंट्री ने यूक्रेन को दिलाया अपना पहला ऑस्कर, भारत को हराकर रचा इतिहास
Oscars: भारत को ‘टू किल अ टाइगर’ से काफी उम्मीदें थीं लेकिन डॉक्यूमेंट्री ऑस्कर अवॉर्ड जीतने में विफल रही।
Oscars: 96वें अकादमी पुरस्कार में भारत-आधारित कनाडाई डॉक्यूमेंट्री ‘टू किल अ टाइगर’ (To Kill a Tiger) हार गई। उसकी जगह ‘20 डेज इन मारियुपोल’ (20 Days in Mariupol) ने बाजी मार ली है और बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म (Best Documentary Feature Film) का ऑस्कर अवॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
भारत को ‘टू किल अ टाइगर’ से काफी उम्मीदें थीं लेकिन डॉक्यूमेंट्री ऑस्कर अवॉर्ड जीतने में विफल रही। दूसरी ओर, ‘20 डेज इन मारियुपोल’ ने अकादमी अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया है। आपको बता दें कि ये यूक्रेन के लिए पहली ऑस्कर जीत है जो इस समय रूस के साथ जंग लड़ रहा है।
ऑस्कर में यूक्रेन की डॉक्यूमेंट्री ने भारत को हराया
‘20 डेज इन मारियुपोल’ ने यूक्रेन को अपना पहला ऑस्कर जिता दिया है। इस डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म में रूस-यूक्रेन जंग के बारे में दिखाया गया है जब मारियुपोल शहर में यूक्रेनी पत्रकारों की एक एपी टीम फंस जाती है। वह कैमरे में देश के सारे हालात कैप्चर कर लेती है। वह वॉर से घिरे देश में अपनी जान बचाते हुए जैसे-तैसे काम करने की कोशिश करती है और रूस द्वारा किए गए अत्याचारों को रिकॉर्ड करती है।
Congratulations to '20 Days in Mariupol' — this year's Best Documentary Feature Film! #Oscars pic.twitter.com/y1Qsf7bTpm
— The Academy (@TheAcademy)
वह मारियुपोल शहर में रहने वाले एकमात्र अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों होते हैं जो युद्ध के कई दर्दनाक मंजर को अपने कैमरे में कैद कर लेते हैं। सड़कों पर दम तोड़ते बच्चे हो या मलवा बन गए घर और अस्पताल… इन्हीं पत्रकारों द्वारा ली गई तस्वीरें बाद में जाकर पूरी दुनिया को यूक्रेन के गंभीर हालातों की एक साफ तस्वीर दिखाती हैं।
यूक्रेन के इतिहास का पहला ऑस्कर अवॉर्ड
ऑस्कर जीतने के बाद डायरेक्टर Mstyslav Chernov ने कहा कि ये यूक्रेन के इतिहास का पहला ऑस्कर अवॉर्ड है। उन्होंने आगे कहा- “मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं स्टेज पर खड़ा पहला डायरेक्टर हूं जो ये कह रहा है कि काश मैंने ये फिल्म बनाई ना होती। काश इसके बदले रूस ने कभी यूक्रेन पर हमला नहीं किया होता और हमारे शहरों पर कब्जा नहीं किया होता। हम चाहते हैं कि वह हमारे बंदियों को छोड़ दें। मैं इतिहास नहीं बदल सकता। हम सब साथ हैं, हम ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि इतिहास रिकॉर्ड सेट कर दे। सिनेमा यादें बनाता है और यादें इतिहास बनाती हैं। थैंक्यू भगवान और थैंक्यू यूक्रेन”।
Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 11 March 2024 at 07:13 IST