अपडेटेड 5 January 2023 at 22:09 IST
काशी व‍िश्‍वनाथ की नगरी वाराणसी जा रहे हैं तो इन 5 जगहों पर जाना नहीं करें म‍िस
वाराणसी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है जहां के बारे में कहा जाता है कि महादेव यहां कण-कण में वास करते हैं। वाराणसी में काशी विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
वाराणसी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है। महादेव यहां कण-कण में वास करते हैं। वाराणसी में काशी विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यदि आप वाराणसी जा रहे हैं तो इन पांच जगहों पर जाना बिल्कुल भी न भूलें।
काशी विश्वनाथ मंदिर बहुत है खास
इस मंदिर को देश का महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है। इस मंदिर की कहानी साढ़े तीन हजार साल पुराना बताया जाता है। काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसके दर्शन करने के लिए हर साल लाखों संख्या में लोग यहां आते हैं। शिवलिंग की एक झलक आपको ज्ञान के पथ पर ले जाती है और आत्मा तक को शुद्ध कर सकती है। जो भी वाराणसी घूमने आता है तो उसकी शुरूआत वह इसी मंदिर से कर सकते हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद अब यहां भक्तों को काफी सुविधा मिल रही है।
'अस्सी घाट' की सुबह और शाम रहेगी याद
वाराणसी के दक्षिणी घाट में फेमस अस्सी घाट है। ये अस्सी और गंगा नदियों के संगम पर है। एक पीपल के पेड़ के नीचे स्थापित बड़े शिव लिंग के लिए भी यह जगह फेमस है। इस घाट का अत्यधिक धार्मिक महत्व है और पुराणों और भी कई चीजों में भी इसके बारे में बताया गया है। पर्यटक गंगा में सूर्यास्त और सूर्योदय के अद्भुत दृश्य का आनंद लेने के लिए इस जगह आते हैं। स्थानीय युवाओं के बीच शाम को समय बिताने के लिए ये घाट एक प्रसिद्ध स्थान रहा है। घाट की सुबह की आरती बेहद ही शानदार होती है और सुबह शास्त्रीय संगीत की लहरियों को भी आप यहां महसूस कर सकते हैं। यानी सुबह की शुरुआत और शाम के आनंद के लिए इससे बेहतर जगह हो नहीं सकती।
संकट मोचन हनुमान मंदिर का लड्डू लेना न भूलेंं
संकट मोचन हनुमान मंदिर अस्सी नदी के किनारे स्थित है। यह भगवान राम और हनुमान को समर्पित है। वाराणसी हमेशा संकट मोचन मंदिर से जुड़ा हुआ है और इस पवित्र शहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डू स्थानीय लोगों के बीच प्रसिद्ध हैं।
दशाश्वमेध घाट की 'गंगा आरती' रहेगी याद
इस जगह पर जाए बिना वाराणसी की यात्रा अधूरी ही रहेगी। यहां पर शाम को वर्ल्ड फेमस गंगा आरती होती है। यह वह स्थान है जहां भगवान ब्रह्मा ने दशा अश्वमेध यज्ञ किया था। यह घाट एक धार्मिक स्थल है और यहां कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं।गंगा आरती देखना एक ऐसा अनुभव है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। देव दीपावली के दिन यहां का नजारा देखने लायक होता है।
मणिकर्णिका घाट पर 24 घंटे जलती हैं चिताएं
वाराणसी में स्थित मणिकर्णिका घाट को अंतिम संस्कार के लिए एक शुभ जगह माना जाता है। मणिकर्णिका घाट का नाम वाराणसी के प्रमुख स्थानों में शामिल है। इस घाट को जीवन के प्रवेश द्वार के रूप में माना जाता है। इस घाट को देखने जाना अपने आप में एक बहुत ही सुंदर और चौंकाने वाला अनुभव है। इस घाट की खास बात है कि यहां 24 घंटे चिताएं जलती रहती हैं।
बता दें कि काशी या बनारस के नाम से प्रसिद्ध वाराणसी शहर दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर माना जाता है। तीर्थयात्रियों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी बेहद खास है। गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर संस्कृति, पौराणिक कथाओं, साहित्य और कला का एक प्रमुख स्थान है। भगवान शिव ने देवी पार्वती से शादी की थी और इस शहर को अपने रहने की जगह चुना था।
Published By : Shyam Goyal
पब्लिश्ड 5 January 2023 at 22:04 IST