अपडेटेड 9 July 2023 at 07:00 IST
Sanjeev Kumar Birth Anniversary: संजीव कुमार को पता था ज्यादा दिन नहीं चलेगी जिंदगी! कम उम्र में निभाए बड़े किरदार
संजीव कुमार की लव स्टोरी की कभी हैप्पी एंडिंग नहीं हुई। ये भी कम हैरानी की बात नहीं कि पर्दे पर अपने किरदार को खुलकर जीने वाला एक्टर जानता था कि उसकी मौत किस उम्र में होगी।
Sanjeev Kumar: संजीव कुमार था उनका नाम। बॉलीवुड का ऐसा स्टार जिसने खुद को किसी खाके में नहीं फिट होने दिया। हर किरदार को पूरी शिद्दत से निभाया। न एंग्री यंग मैन कहलाया, न ही मैन, न एवरग्रीन हीरो...कहलाया तो एक ऐसा अदाकार जो संवेदनशील भी था, लोगों को हंसाता भी था और दुश्मनों से लोहा लेने के लिए शतरंज की चाल भी चलता था। आज अगर संजीव रहते तो हम उनका 85वां जन्मदिन मना रहे होते।
स्टोरी में आगे पढ़ें...
- संजीव कुमार का जन्म 9 जुलाई 1938 को गुजराती परिवार में हुआ
- पिता की तीन शादियां हुईं। तीसरी पत्नी की संतान थे संजीव
- तब्बसुम से बातचीत में कहा था-ज्यादा नहीं जी पाउंगा
किरदार के संजीव
शोले का ठाकुर, त्रिशूल के मिस्टर गुप्ता, अंगूर का अशोक...जिस किरदार को निभाया उसमें डूब गए। पर्दे पर सहज दिखने वाले संजीव कुमार की जिंदगी उतनी ही उथल पुथल भरी रही। हरीभाई जरीवाला था रियल नाम। जिस एक्ट्रेस के अपोजिट हीरो का काम किया कुछ साल बाद उसके पिता के तौर पर भी दिखे। जो रोल मिला उसमें डूब गए। लगा ही नहीं कि जिस ठाकुर की उम्र पर्दे पर 65 साल की है दरअसल वो 35 साल का ही तो है। ये थे संजीव कुमार।
1938 में गुजराती परिवार में जन्मे हरीभाई ने 1960 से 68 के बीच बी ग्रेड फिल्में की। फिर आई शिकार। इसमें साइड कैरेक्टर प्ले किया। एक पुलिस अफसर का वो भी धर्मेन्द्र के सामने। लेकिन रिलीज के बाद संजीव के अभिनय की चौतरफा तारीफ हुई। इस फिल्म के लिए पहला अवॉर्ड मिला वो भी सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर अवॉर्ड।
इसके बाद साल 1970 में प्रदर्शित फिल्म खिलौना से बतौर मेन लीड खुद को ए ग्रेड फिल्मों में स्थापित कर लिया। फिर आई दस्तक- बोल्ड सब्जेक्ट पर बनी फिल्म। इसके लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1972 में आई कोशिश ने तो जता दिया कि एक्टर कमाल का है। गूंगे बहरे के किरदार में फिट बैठा ये कैरेक्टर।
अभिनेत्री के हीरो, पिता और ससुर की भी निभाई भूमिका
कुर्ता पायजामा हो, लुंगी हो या कोई भी कैजुअल वियर हो, संजीव कुमार ने अपनी छाप बखूबी छोड़ी। फिल्म कोशिश और अनामिका में संजीव कुमार जया भादुड़ी के हीरो बने तो गुलजार की परिचय में पिता, फिर आई शोले जिसमें 35 साल के युवा संजीव जया बच्चन के ससुर बने। जिसने भी देखा वो दंग रह गया। लेकिन ये माद्दा भी संजीव में ही था।
दिल धोखा दे गया
तब्बसुम फेमस सेलिब्रिटी इंटरव्यूर के तौर पर भी जानी जाती थीं। बड़े कलाकारों से बातचीत की। इन्हीं में से एक थे संजीव कुमार जिन्होंने अंदेशा जताते हुए अपनी बात साझा की थी। हालांकि संजीदा बात उन्होंने हलके अंदाज में कही थी। तब्बसुम ने वो पुरानी बात अपने सो तब्बसुम टॉकीज में साझा की थी।
दरअसल, उनसे जवानी में बूढ़ा किरदार निभाने पर सवाल किया था। इस पर संजीव कुमार ने कहा था- बूढ़ा होना मेरे नसीब में नहीं है... मेरा हाथ देखकर किसी ने बताया था कि मेरी उम्र ज्यादा लंबी नहीं है। बूढ़ा होना मेरे नसीब में नहीं है। इसलिए फिल्मों में बूढ़ा बनकर बूढ़ा होने का अरमान पूरा कर रहा हूं।
उनकी आशंका सच साबित हुई और वह 50 साल तक भी नहीं पहुंच पाए। ये बड़ा कलाकार 06 नवंबर 1985 को इस दुनिया को अलविदा कह गया। मौत भी पिता और भाई की तरह हार्ट अटैक से हुई।
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 9 July 2023 at 06:46 IST


