अपडेटेड 4 February 2024 at 10:38 IST

Poonam Pandey: जेल जाएंगी पूनम पांडे! मौत की झूठी खबर फैलाना कितना बड़ा जुर्म और कितनी सजा? जानें

अक्सर विवादों के जरिए ही सुर्खियों में रहने वाली एक्ट्रेस पूनम पांडे की मुश्किलें बढ़ सकती है। खुद की मौत का झूठा षड्यंत्र रचना उनपर भारी पड़ सकता है।

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Poonam Pandey | Image: Instagram/poonampandeyreal

Poonam Pandey is Alive: अक्सर विवादों के जरिए ही सुर्खियों में रहने वाली एक्ट्रेस पूनम पांडे की मुश्किलें बढ़ सकती है। खुद की मौत का झूठा षड्यंत्र रचना उनपर भारी पड़ सकता है और वो जेल भी जा सकती हैं। ये पूरी कहानी शुक्रवार को शुरू हुई। पूनम पांडे की टीम ने उनके आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल से ये खबर फैलाई कि पूनम पांडे का सर्वाइकल कैंसर के कारण निधन हो गया है। इस खबर से पूरे देश में गम का माहौल था। लेकिन 24 घंटे बाद ही पूनम पांडे ने वीडियो शेयर कर कहा कि वो अभी जिंदा हैं।

जो लोग पूनम पांडे की मौत पर आंसू बहा रहे थे, वही लोग एक्ट्रेस पर आगबबूला हो गए। उनकी गलती नहीं है क्योंकि किसी खतरनाक बीमारी का सहारा लेकर अपने आप को लाइमलाइट में लाना कहीं से सही नहीं है। अब सोशल मीडिया पर तो पूनम की क्लास लग ही रही है वहीं दूसरी तरफ उनपर कानूनी कारवाई करने की मांग भी तेज हो गई है।

पूनम पांडे जाएंगी जेल?

सबसे पहले तो ये बता दें कि सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाना एक जुर्म माना जाता है। आईटी एक्ट-2000 की धारा 67 के तहत अगर कोई पहली बार सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाता है तो उसे तीन साल की जेल हो सकती है। साथ ही 5 लाख का जुर्माना देना पड़ सकता है। ये अपराध दोहराने पर व्यक्ति को 5 साल की जेल और 10 लाख का जुर्माना लग सकता है।

पूनम पांडे ने वीडियो शेयर कर क्या कहा?

मौत की खबर फैलाने के बाद शनिवार को पूनम पांडे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर सबको हैरान कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं जिंदा हूं और मुझे सर्वाइकल कैंसर भी नहीं है। फिर उन्होंने क्यों अपनी मौत की खबर फैलाई? उन्होंने खुद इसका जवाब दिया है।

पूनम पांडे ने वीडियो शेयर कर कहा, ''मैं आप सभी के साथ कुछ महत्वपूर्ण बात साझा करना चाहती हूं। मैं यहां हूं, जीवित हूं और मुझे सर्वाइकल कैंसर भी नहीं है।

सर्वाइकल कैंसर के बारे में बात करते हुए पूनम पांडे ने कहा, ''इसने उन हजारों महिलाओं की जान ले ली है जो इस बीमारी से निपटने के तरीके के बारे में जानकारी की कमी के कारण पैदा हुई थीं। कुछ अन्य कैंसरों के विपरीत, सर्वाइकल कैंसर पूरी तरह से रोकथाम योग्य है। मुख्य बात एचपीवी वैक्सीन और शीघ्र पता लगाने वाले परीक्षणों में निहित है। हमारे पास यह सुनिश्चित करने के साधन हैं कि इस बीमारी से किसी की जान न जाए। आइए आलोचनात्मक जागरूकता के साथ एक-दूसरे को सशक्त बनाएं और सुनिश्चित करें कि हर महिला को उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी हो। क्या किया जा सकता है इसके बारे में गहराई से जानने के लिए बायो में दिए गए लिंक पर जाएँ। आइए मिलकर इस बीमारी के विनाशकारी प्रभाव को समाप्त करने का प्रयास करें।'' 

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Published By : Ritesh Kumar

पब्लिश्ड 4 February 2024 at 06:58 IST