अपडेटेड 11 November 2024 at 22:56 IST
हमारे पास यंग एनर्जी और क्रिएटिव माइंड्स हैं: प्रसून जोशी
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष और फिल्म जगत को कई शानदार गीत देने वाले लेखक-गीतकार प्रसून जोशी ने इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और देश में यंग टैलेंट को लेकर खुलकर बात की।
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष और फिल्म जगत को कई शानदार गीत देने वाले लेखक-गीतकार प्रसून जोशी ने इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और देश में यंग टैलेंट को लेकर खुलकर बात की। इस दौरान जोशी ने कहा कि हमारे देश में यंग एनर्जी और क्रिएटिव माइंड्स की कमी नहीं है।
प्रसून जोशी ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि “फिल्म फेस्टिवल तो देश और विदेश में बहुत होते हैं। यंग क्रिएटिव माइंड्स को लेकर उन्होंने कहा कि बहुत से स्टोरी टेलर को मंच नहीं मिल पाता। यह देश रेस्टलेस ड्रीम्स का देश है ऐसे में कहानी में विविधता आए और कहानी में परिवर्तन करने वाले अगर एक ही शहर से आएंगे तो कहानी में विश्वसनीयता नहीं मिलेगी। फिल्म टैलेंट से ज्यादा हिम्मत का विषय बन जाती है।"
प्रसून ने आगे कहा "हमारा प्रयास रहता है कि ये मंच कैसे उन लोगों को मिले जिनके पास पैसा नहीं होता? फिल्म मेकर्स पूरे देश में फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने के लिए सफर करते हैं। इस बार फेस्टिवल का प्रयास है कि भविष्य या आने वाली फिल्मों पर फोकस किया जाए। हमारे देश में जिस तरह से युवा ऊर्जा है, सपनों में बेचैनी है, बहुत सारे लोग हैं जो अपनी कहानी कहना चाहते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि इसे सही प्लेटफॉर्म मिले।"
जोशी ने आगे कहा कि "एक ही शहर से जुड़े हुए लोग पिक्चर बनाएंगे तो फिल्मों में सबके विचार कैसे सामने आएंगे? फिल्म टैलेंट वालों के लिए होनी चाहिए, हम हर बार किसी ना किसी देश पर फोकस करते हैं तो इस बार हमारा फोकस ऑस्ट्रेलिया पर है। बहुत सारे मास्टर क्लासेज किए लोग वहां से आ रहे हैं और यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत है।"
इस बीच फिल्म निर्देशक शेखर कपूर ने ओटीटी पर बात की। कपूर ने कहा "एक जमाना था कि एक्टर इधर-उधर जाते थे। मनोज बाजपेयी ओटीटी पर आकर और भी चमक गए। ओटीटी अलग-अलग कहानी के साथ नए टैलेंट ला रही है, इसलिए हमें ओटीटी को सेलिब्रेट करना चाहिए।"
शेखर कपूर ने 1994 में रिलीज हुई अपनी फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ को लेकर भी बात की। फिल्म को लेकर उन्होंने कहा "पहले हमारी सेंसर से लड़ाई हुई फिर इसके बाद हाईकोर्ट से लड़ाई हुई, हाईकोर्ट के बाद हमारी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट से हुई। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं कह सकता हूं कि हम सेंसरशिप के खिलाफ नहीं थे।"
Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 11 November 2024 at 22:56 IST