अपडेटेड 7 July 2025 at 18:31 IST
Udaipur Files: कन्हैया लाल मर्डर केस पर बनी फिल्म पर बवाल, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने की बैन की मांग, तो VHP ने पूछा- आपको क्या दिक्कत है?
Udaipur Files: 2022 के कन्हैया लाल मर्डर केस पर एक फिल्म आ रही है जिसका नाम ‘उदयपुर फाइल्स’ है। अब इसकी रिलीज को लेकर मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया है।
Udaipur Files: विजय राज की आगामी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। भारत एस श्रीनेत के निर्देशन में बनी फिल्म 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है लेकिन इससे पहले ही इसका विषय कुछ लोगों की आंखों को खटकने लगा है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करते हुए तीन हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। फिल्म के ट्रेलर से साफ पता चल रहा है कि ये 2022 के कन्हैया लाल मर्डर केस पर आधारित है। हालांकि, अब जमीयत उलेमा-ए-हिंद इसकी रिलीज के खिलाफ कानूनी रास्ता अपना रहा है।
‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर लगेगा बैन?
कोर्ट ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज को लेकर फैसला सुनाएगा। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर रोक लगाने के लिए दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात के हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए दावा किया कि ‘इस फिल्म में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की क्षमता है’।
उन्होंने कहा कि ‘उदयपुर फाइल्स एक खास धार्मिक समुदाय को बदनाम करती है और नफरत को बढ़ावा दे सकती है’। उनके मुताबिक, "ट्रेलर में इस्लाम के पैगंबर और उनकी पवित्र पत्नियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है, जो देश में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकती है। फिल्म देवबंद को चरमपंथ के केंद्र के रूप में दिखाती है और इसके विद्वानों (उलेमा) के खिलाफ बेहद भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करती है।"
‘उदयपुर फाइल्स’ के सपोर्ट में विश्व हिंदू परिषद
इस बीच, विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज को सपोर्ट किया और जमीयत उलेमा-ए-हिंद की निंदा की। उन्होंने पूछा कि “क्या ये सच है कि सार्वजनिक तौर पर कन्हैया लाल की हत्या इसलिए हुई क्योंकि उनका फेसबुक पोस्ट कुछ जिहादियों को इस्लाम-विरोधी लगा था। क्या कन्हैया की हत्या ‘सर तन से जुदा’ के नारे को लागू करने के लिए की गई थी”।
आलोक ने आगे कहा कि ‘अगर ये सच है तो ट्रेलर में ऐसा ही दिखाया गया है और अगर ये सच नहीं है, तो भी इसका सामना करना ही होगा। खासतौर पर तब जब ये सामना करना जनहित में हो, लोगों की सुरक्षा के लिए हो। सेंसर बोर्ड ने इसे पास कर दिया तो किसी को इसकी रिलीज से दिक्कत नहीं होनी चाहिए’।
Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 7 July 2025 at 18:31 IST