अपडेटेड 4 July 2024 at 20:35 IST

मुंबई का किंग कौन...मनोज बाजपेयी की 'सत्या' के 26 साल पूरे, एक्टर ने शेयर की पुरानी तस्वीरें

Satya उस व्यक्ति की कहानी से शुरू होती है जो रोजगार के लिए मुंबई आता है, लेकिन अंडरवर्ल्ड की दुनिया में फंस जाता है।

मनोज बाजपेयी की फिल्म सत्या | Image: Instagram

Manoj Bajpayee Satya: मनोज बाजपेयी की सबसे बहुचर्चित फिल्म 'सत्या' के 26 साल पूरे हो गए हैं। फिल्म से 26 साल पहले 3 जुलाई 1998 में रिलीज हुई थी। इस मौके पर एक्टर ने पुरानी यादें ताजा करते हुए फिल्म के सेट से कुछ तस्वीरें शेयर की।

मनोज ने इंस्टाग्राम पर फिल्म की कई तस्वीरें शेयर की। इसमें पोस्टर और पॉपुलर सॉन्ग 'सपने में मिलती है' की झलक शामिल है। 'सपने में मिलती है' गाना शेफाली शाह और मनोज बाजपेयी पर फिल्माया गया था।

एक्टर ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए कैप्शन में फिल्म का मशहूर डायलॉग लिखा, ''मुंबई का किंग कौन?''

बता दें कि यह फिल्म मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर बनी है। इसमें मनोज बाजपेयी ने डॉन भीकू म्हात्रे का किरदार निभाया था, जिसने अपने दुश्मनों का खात्मा कर दिया और वो समंदर किनारे आकर चिल्लाता है- 'मुंबई का किंग कौन, भीकू म्हात्रे...' इस दमदार सीन और मूवी ने मनोज बाजपेयी को स्टार बना दिया।

फिल्म में कई और डायलॉग भी काफी मशहूर हुए, जैसे- ''पूछने के लिए जिंदा रहना जरूरी होता है", "मौका सभी को मिलता है", "हमें उनके डर से फायदा है...मौत से नहीं" और "अपने धंधे में वही जीता है...जो पहला हाथ मारता है"... ये डायलॉग आज भी बोलचाल में मजाक के तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं।

राम गोपाल वर्मा द्वारा निर्देशित इस फिल्म को सौरभ शुक्ला और अनुराग कश्यप ने लिखा है। फिल्म को शुरू में एक एक्शन फिल्म बनाने पर काम चल रहा था, लेकिन बाद में इसे अंडरवर्ल्ड पर आधारित फिल्म में बदल दिया गया।

सत्या दरअसल उस व्यक्ति की कहानी से शुरू होती है जो रोजगार के लिए मुंबई आता है, लेकिन अंडरवर्ल्ड की दुनिया में फंस जाता है। 

फिल्म में जे.डी. चक्रवर्ती, उर्मिला मातोंडकर, सौरभ शुक्ला, आदित्य श्रीवास्तव और परेश रावल लीड रोल में हैं। फिल्म में जे.डी. चक्रवर्ती ने सत्या का और उर्मिला मातोंडकर ने विद्या का किरदार निभाया था।

यूं तो मनोज बाजपेयी ने 1994 में 'द्रोहकाल' से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था, लेकिन इसमें महज एक मिनट के लिए उन्हें स्क्रीन स्पेस मिला था। इसके बाद वह शेखर कपूर की फिल्म 'बैंडिट क्वीन' में नजर आए, लेकिन उनका असली डेब्यू 'सत्या' को माना जाता है। इस फिल्म को देखने के लिए दर्शकों की लाइन लग गई। उन्हें भीखू म्हात्रे के किरदार के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 4 July 2024 at 20:35 IST