अपडेटेड 8 January 2025 at 22:55 IST
मशहूर फिल्ममेकर प्रीतीश नंदी का 73 साल की उम्र में निधन; शोक में अनुपम खेर, बोले- वो यारों का यार था...
Pritish Nandy Passes Away: मशहूर फिल्ममेकर प्रीतीश नंदी ने 8 जनवरी, बुधवार को अंतिम सांस ली। अनुपम खेर ने अपने करीबी दोस्त को श्रद्धांजलि दी है।
Pritish Nandy Passes Away: मशहूर फिल्ममेकर और राजनेता प्रीतीश नंदी ने 8 जनवरी, बुधवार को अंतिम सांस ली। वो साउथ मुंबई में अपने घर में थे जब कथित तौर पर हार्ट अटैक के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया। वो 73 साल के थे। सीनियर एक्टर अनुपम खेर ने सोशल मीडिया के जरिए अपने करीबी दोस्त को श्रद्धांजलि दी है।
प्रीतीश नंदी फिल्ममेकर होने के साथ साथ एक कवि, पेंटर और पत्रकार भी थे। आज शाम को मुंबई में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।
मशहूर फिल्ममेकर प्रीतीश नंदी का 73 साल की उम्र में निधन
प्रीतीश नंदी मीडिया और टेलीविजन पर्सनैलिटी, एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट, फिल्म निर्माता और टीवी और स्ट्रीमिंग कंटेंट के क्रिएटर के रूप में लोकप्रिय थे। उन्हें 1977 में भारतीय साहित्य में उनके योगदान के लिए पद्म श्री मिल चुका है। उनके निधन की खबर उनके करीबी दोस्त अनुपम खेर ने ही सोशल मीडिया के जरिए शेयर की थी।
अनुपम खेर ने अपने सबसे प्रिय और करीबी दोस्त के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और लिखा कि वो अभी भी सदमे में हैं। खेर ने लिखा कि कैसे मुंबई में उनके शुरुआती दिनों में प्रीतीश ही उनका सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम और ताकत थे।
उन्होंने आगे लिखा- “हमारे बीच बहुत सी चीजें कॉमन थीं। वो काफी निडर थे, मैंने उनसे बहुत सी चीजें सीखीं। हमेशा जिंदगी से बड़े। हाल के दिनों में हमारी ज्यादा मुलाकात नहीं हुई थी लेकिन एक समय ऐसा भी था जब हम कभी जुदा नहीं होते थे। मैं कभी नहीं भूलूंगा जब उन्होंने मुझे फिल्मफेयर और इससे भी अहम द इलस्ट्रेटेड वीकली के कवर पर रखकर सरप्राइज कर दिया। वो यारों का यार की सच्ची परिभाषा थे। मैं हमेशा आपको और आपके साथ बिताए वक्त को याद करूंगा दोस्त”।
प्रीतीश नंदी कौन थे?
प्रीतीश नंदी ने हिंदी सिनेमा में कई आइकॉनिक फिल्मों का निर्माण किया था जिनमें ‘कुछ खट्टी कुछ मीठी’, ‘बॉलीवुड कॉलिंग’, ‘झंकार बीट्स’, ‘चमेली’ जैसी फिल्में शामिल हैं। उनका आखिरी प्रोडक्शन 2015 में आया ‘मस्तीजादे’ था। फिल्म प्रोडक्शन के अलावा, नंदी ने अंग्रेजी में लगभग 40 कविता पुस्तकें लिखीं और बंगाली, उर्दू और पंजाबी से कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद किया। उन्होंने ईशा उपनिषद का आधुनिक अंग्रेजी संस्करण भी तैयार किया था।
Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 8 January 2025 at 22:55 IST