अपडेटेड 8 February 2025 at 15:23 IST

Delhi Election Results: अरविंद केजरीवाल की हार पर विवेक अग्निहोत्री ने कसा तंज, बोले- ‘हर हिसाब यहीं होगा’

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को हार का मुंह देखना पड़ा। केजरीवाल की हार पर फिल्म निर्माता-निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर व्यंग्य भरा पोस्ट शेयर किया।

Vivek Agnihotri takes jibe at Arvind Kejriwal defeat | Image: X

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को हार का मुंह देखना पड़ा। केजरीवाल की हार पर फिल्म निर्माता-निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर व्यंग्य भरा पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने “हर हिसाब यहीं पर” होने की बात कही।

किसी भी मुद्दे पर मुखरता के साथ अपनी बात रखने वाले विवेक रंजन ने इंस्टाग्राम के स्टोरीज सेक्शन पर पोस्ट शेयर किया, जिसमें लिखा था, “हर सवाल का जवाब यहीं होगा। हर हिसाब-किताब यहीं होगा।”

विवेक रंजन ने दिल्ली विधानसभा की एक पुरानी तस्वीर भी शेयर की, जिसमें अरविंद केजरीवाल खड़े दिखाई दिए।

नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल को हार का सामना करना पड़ा है। वह नई दिल्ली सीट से 3,186 वोटों से हार चुके हैं। यहां से भाजपा के प्रत्याशी प्रवेश सिंह वर्मा ने जीत हासिल की।

विवेक रंजन सोशल मीडिया पर अक्सर नए-नए पोस्ट प्रशंसकों के साथ शेयर करते रहते हैं। इससे पहले उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दिन 5 फरवरी को एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने मतदाताओं के सामने एक स्व-रचित कविता पेश करते हुए उनसे अपील की थी कि वे वोट डालने से पहले उनकी 'रोशनी' नाम की कविता को जरूर सुनें।

इंस्टाग्राम पर शेयर की गई कविता में वह ‘रोशनार्थी’ शब्द का इस्तेमाल करते नजर आए। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव है। इसके साथ ही उन्होंने “रेवड़ियां बांटने” या “मुफ्त सुविधाओं” की ओर भी इशारा किया था। अग्निहोत्री ने प्रदूषण का भी जिक्र किया था।

विवेक रंजन अपनी कविता में ‘गोधूली बेला’, ‘रोशनार्थी’, सेठ जैसे शब्दों के साथ मतदाताओं के सामने अपनी 'रोशनी' कविता सुनाते नजर आए थे, “आजकल बहुत जल्दी ही गोधूली बेला में अंधेरा बढ़ने लगा है, धीरे-धीरे दिन का उजाला भी छटने लगा है, जहां थी थोड़ी रोशनी की उम्मीद, अब कोहरा बढ़ने लगा है। अब रोशनी सीधे नहीं आती। हर वक्त नहीं आती, ज्यादा देर नहीं आती। आती है तो एक ट्रेन के डब्बों से छरहराती रोशनी जैसी, जो पकड़ने में पकड़ नहीं आती। तुम चाहो या ना चाहो, रोशनी के अभाव को मानना ही पड़ेगा।"

अग्निहोत्री ने अपनी कविता में आगे बताया था कि यह समय लाभ लेने वालों या 'रोशनार्थियों का युग' है, इसलिए जनता को जागरूक रहना पड़ेगा।

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Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 8 February 2025 at 15:23 IST