अपडेटेड 16 November 2024 at 13:17 IST
मनोज बाजपेयी और इरफान खान की दोस्ती में एक कप चाय का रहा बड़ा हाथ
निर्देशक निखिल आडवाणी ने एक बार दिवंगत इरफान खान, मनोज बाजपेयी और अनुराग कश्यप के साथ चाय की कभी नहीं खत्म होने वाली चुस्कियों के साथ बिताए पलों को याद किया।
निर्देशक निखिल आडवाणी ने एक बार दिवंगत इरफान खान, मनोज बाजपेयी और अनुराग कश्यप के साथ चाय की कभी नहीं खत्म होने वाली चुस्कियों के साथ बिताए पलों को याद किया।
बनारस, कानपुर या बरेली की चाय सबसे अच्छी है या नहीं, इस पर इस मुद्दे से प्रेरित उनकी चर्चाओं ने जीवन, सिनेमा और इन दोनों के बीच की हर चीज को छुआ। आडवाणी ने बताया कि कैसे चाय पीते हुए उनकी दोस्ती पनपी और कुछ यादगार बातचीत हुई।
साइरस ब्रोचा के पॉडकास्ट 'साइरस सेज' पर बोलते हुए, निखिल ने शेयर किया, "हम सभी मनोज बाजपेयी, इरफान खान, अनुराग कश्यप एक साथ घूमते थे। उस समय, किसी के पास पैसे नहीं थे। नियम यह था कि आप खाना खा सकते हैं, लेकिन अगर आपको शराब चाहिए, तो आपको अपना खुद का लाना होगा। लोग अपना हिस्सा लेकर आते थे, और वहां एक छत थी जहां हम दो या तीन दिन सिर्फ बातें करते हुए बिताते थे। वे इस बात पर बहस करते थे कि बनारस की चाय कानपुर या बरेली की चाय से बेहतर है या नहीं। मैं, साउथ बॉम्बे का लड़का होने के कारण, इससे अपरिचित था - बनारस की चाय क्या है? कानपुर की चाय? वे इसके बारे में इतने भावुक क्यों थे और इतनी शुद्ध हिंदी में इस पर चर्चा क्यों करते थे?"
आडवाणी ने फिल्म निर्माता करण जौहर से जुड़ा किस्सा याद किया। जिसमें उन्होंने बताया कि उनका और करण जौहर पड़ोसी थे और मौका पाकर वो करण को चिढ़ाने लगे थे। अगर निखिल आडवाणी के काम की बात करें तो उन्होंने 'बाटला हाउस', 'दिल्ली सफारी', 'सलाम-ए-इश्क', 'पटियाला हाउस' और 'चांदनी चौक टू चाइना' जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है। उनका नया प्रोजेक्ट, 'फ्रीडम एट मिडनाइट', डोमिनिक लैपियर और लैरी कॉलिन्स की प्रतिष्ठित पुस्तक से प्रेरित है। आडवाणी द्वारा निर्मित और निर्देशित, इस सीरीज में सिद्धांत गुप्ता, चिराग वोहरा और राजेंद्र चावला हैं और इसका प्रीमियर 15 नवंबर को सोनी लिव पर हुआ।
Published By : Shubhamvada Pandey
पब्लिश्ड 16 November 2024 at 13:17 IST