अपडेटेड 5 February 2024 at 10:15 IST
अब Uddhav Thackeray मारेंगे पलटी? PM मोदी पर बोल दी ऐसी बात, टेंशन में INDI गठबंधन
Maharashtra News: उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि वो पहले कभी भी प्रधानमंत्री Narendra Modi के दुश्मन नहीं थे और आज भी उनके दुश्मन नहीं हैं।
Uddhav Thackeray: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह अब शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भी मन डोलने लगा है। उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसको लेकर अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि नीतीश कुमार के बाद अब वो शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष भी पलटी मारकर बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA में आ सकते हैं। इसी के साथ उद्धव की टिप्पणी से INDI गठबंधन को भी नई टेंशन मिल गई है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे रविवार को सावंतवाड़ी में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रहे थे। ठाकरे कोंकण दौरे पर हैं और उन लोकसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, जहां उनकी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़े जाने की संभावनाएं हैं। उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि वह पहले कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुश्मन नहीं थे और आज भी उनके दुश्मन नहीं हैं।
आज भी हम दुश्मन नहीं हैं: उद्धव ठाकरे
ठाकरे ने कहा, 'मैं मोदी जी को बताना चाहता हूं कि हम कभी भी आपके दुश्मन नहीं थे। आज भी हम दुश्मन नहीं हैं। हम आपके साथ थे, शिवसेना आपके साथ थी। हमने पिछली बार अपने गठबंधन के लिए प्रचार किया था। आप प्रधानमंत्री इसलिए बने क्योंकि विनायक राउत जैसे हमारे सांसद चुने गए, लेकिन बाद में आपने हमें खुद से दूर कर दिया। हमारा हिंदुत्व और भगवा ध्वज आज भी कायम है, लेकिन आज बीजेपी उस भगवा झंडे को फाड़ने की कोशिश कर रही है।'
याद दिलाते हुए कि यह बीजेपी ही थी, जिसने शिवसेना से नाता तोड़ लिया था। ठाकरे ने कहा कि किसी भी अन्य चुनाव के विपरीत आगामी 2024 का आम चुनाव अब तक का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है।
उद्धव ने बीजेपी के साथ लड़ा था विधानसभा चुनाव
महाराष्ट्र में पिछला विधानसभा चुनाव उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था। विधानसभा के चुनाव नतीजों में बीजेपी को 105 और शिवसेना 56 को सीटें आई थीं, जिससे एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला था। चुनाव में एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।
चुनाव नतीजों में किसी भी एक पार्टी को अकेले बहुमत नहीं था। ऐसे में शिवसेना ने बीजेपी के सामने मुख्यमंत्री पद की शर्त रख दी थी। शिवसेना उस समय 50-50 फॉर्मूले के तहत ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर अड़ रही। बीजेपी इस फॉर्मूले पर राजी नहीं थी, क्योंकि संख्याबल उसके पास ज्यादा था। ऐसे में दोनों दलों का ये गठबंधन टूट गया था।
ठाकरे की टिप्पणी के निकाले जा रहे मायने
अभी उद्धव ठाकरे की इस टिप्पणी के मायने निकाले जा रहे हैं। क्योंकि हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए में वापसी की है। नीतीश कुमार INDI गठबंधन के सूत्रधार थे। उन्हीं के आह्वान पर पहली बार पटना में बैठक हुई थी, लेकिन सीट बंटवारे समेत कई मुद्दों पर उलझन के कारण नीतीश ने गठबंधन छोड़ दिया। फिलहाल उद्धव के बदले सुर भी इशारा करने लगने हैं कि उनका मन भी नीतीश की तरह डोलने लगा है।
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 5 February 2024 at 10:03 IST