अपडेटेड 20 March 2024 at 19:49 IST

Lok Sabha Elections : विपक्ष के लिए कितना मुश्किल है यूपी चुनाव? इस बार बदल गए कई समीकरण

इस बार का चुनाव विपक्ष के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होने वाला है। दिल्ली की सियासत का रास्ता जिस यूपी से निकलकर जाता है, वहां इस बार कई समीकरण बदल गए हैं।

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विपक्ष के लिए कितना मुश्लिल है यूपी चुनाव? | Image: Republic

Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव की रणभेरी हो गई है, चुनावी मैदान राजनीतिक युद्धाओं से सजने लगे हैं। पार्टियां अपने प्रत्याशियों का चयन जातीय समीकरण और हार-जीत का गणित लगाकर कर रही हैं। अवध से लेकर पश्चिम यूपी तक हर पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश पर है। बीजेपी 'अबकी बार, 400 पार' का नारा देकर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है, तो प्रदेश में उसकी प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी अपने PDA (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) फार्मूले के दम पर 'अस्सी हराओ, भाजपा हटाओ' का नारा देकर बीजेपी को हटाना चाहती है।

इस बार का चुनाव विपक्ष के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होने वाला है। दिल्ली की सियासत का रास्ता जिस यूपी से निकलकर जाता है, वहां इस बार कई समीकरण बदल गए हैं। बीजेपी को भरोसा है कि उसे प्रदेश की सभी सीटों पर जीत हासिल होगी, विपक्ष भी दावा कर रहा है कि इस बार बीजेपी को सत्ता से हटा देंगे। इस बार राजनीतिक समीकरण भी बदल गए हैं।

2019 का समीकरण

साल 2019 में मोदी को रोकने के लिए दुश्मनी भुलाकर सपा-बसपा ने एक साथ आकर गठबंधन किया था और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने इनका समर्थन किया था, जबकि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ी थी। इस बार कांग्रेस और सपा तो साथ आए गए, लेकिन बसपा अकेले चुनाव लड़ रही है और रालोद इस बार NDA में शामिल हो गई है। कांग्रेस 17 सीटों पर, सपा 62 सीटों पर और तृणमूल कांग्रेस एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। पिछले चुनाव की बात करें तो सपा पांच, बसपा को 10 सीटों और कांग्रेस को महज एक रायबरेली सीट पर जीत मिली थी। सबसे अधिक सीट बसपा ने जीती थी, जो इस बार अकेली चुनाव लड़ रही है।

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 62 सीटों पर जीत हासिल की थी, सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने दो सीटें जीती थीं। पहले चरण में आठ सीटों में से बीजेपी ने छह सीटें जीती थीं। तब बिजनौर और सहारनपुर सीटें बसपा ने उससे छीन ली थी। इन सीटों पर बीजेपी को इस बार फायदा मिल सकता है।

वोट शेयर में भी सपा पीछे

2029 में बीजेपी ने 62 सीटों पर जीत के साथ मत प्रतिशत 49.6 हासिल किया था, जबकि केवल पांच सीटों के साथ सपा का मत प्रतिशत 17.96 था। वहीं 10 सीटों पर जीत के साथ बसपा का मत प्रतिशत 19.26 था। कांग्रेस का मत प्रतिशत 6.31, जबकि अपना दल (एस) का मत प्रतिशत 1.01 था। मत प्रतिशत के हिसाब से भी बसपा ने विपक्ष में सबसे अधिक वोट हासिल किए थे, जो इस बार अकेले चुनावी मैदान में है।

बसपा का गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने का फायदा बीजेपी को मिल सकता है। इसके अलावा रालोद के NDA में शामिल होने से पहले और दूसरे चरण की सीटों पर बीजेपी को फायदा हो सकता है पहले और दूसरे चरण में प्रदेश की 16 सीटों पर मतदान होना है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 20 March 2024 at 17:58 IST