अपडेटेड 7 June 2024 at 19:27 IST
Modi 3.O: बिहार से 3 तो आंध्र से 2...सेंट्रल हॉल में मोदी के मंच पर किन 12 नेताओं को मिली जगह?
293 नए सांसदों समेत कई गणमान्य सेंट्रल हॉल पहुंचे।मंच भी था महाविजय की धूम भी थी...ऐसे में निगाहें उन 13 कुर्सियों पर टिक गई जिन पर बिहार के 3 कद्दावर मौजूद थे!
NDA Elects Modi: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और 17वीं लोकसभा के कई मानिंद मंच पर दिखे। कुल 13 लोग। इनमें भी बिहार के 3 दिग्गज! पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, वर्तमान सीएम नीतीश संग चिराग पासवान भी अपनी कुर्सी पर पीएम को सुनते दिखे ।
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को 240 सीटें मिली। बहुमत के आंकड़ा जो 272 है उससे 32 सीटें कम। लेकिन सहयोगियों के साथ मिलकर ये आंकड़ा भी आसानी से हासिल कर लिया गया। बीजेपी समेत अन्य घटक दलों ने मिलकर 293 सीट पर कब्जा जमाया है। NDA में बीजेपी के अलावा 14 सहयोगी दलों के 53 सांसद हैं।
बिहार के 3 आंध्र के 2 और जानें कौन दिखा?
कुल 13 कुर्सियां सजी थीं। बीच में नरेंद्र मोदी और उनके अगल बगल 6-6 कुर्सियां। मोदी की बाईं ओर चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, एकनाथ शिंदे, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और सबसे आखिर में अनुप्रिया पटेल। नरेंद्र मोदी की दाईं ओर जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह, एनसीपी के अजित पवार फिर जेडीएस के कुमारस्वामी के बाद आंध्र की आंधी पवन कल्याण बैठे थे।
बिहार के 3 नीतीश, मांझी और चिराग तो आंध्र-महाराष्ट्र से 2 मंच पर विराजे। इनके अलावा कर्नाटक और यूपी के सहयोगी दलों के एक-एक नेता शामिल हुए। आंध्र से चंद्रबाबू नायडू और पावर स्टार पवन कल्याण तो एनसीपी के अजित पवार और शिवसेना के एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र से शामिल हुए।
बीजेपी के वो कद्दावर जिन्हें मिली जगह
तीसरे टर्म के लिए एनडीए ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद के लिए चुना। सेंटर में वो थे। तो बीजेपी में उनके अलावा सामने जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह और अमित शाह नजर आए। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वागत भाषण दिया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। अमित शाह ने समर्थन किया और नितिन गडकरी ने अनुमोदन। जेडीएस अध्यक्ष कुमारस्वामी ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
इस गठबंधन में बीजेपी के बाद दूसरे नंबर पर टीडीपी है तो तीसरे पर नीतीश कुमार की जदयू। दोनों पार्टियां इस गठबंधन के लिए अहम हैं, इसलिए लगातार विपक्ष भी इन्हें लेकर नैरेटिव गढ़ने में लगा था, हालांकि सेंट्रल हॉल में 7 जून को जो हुआ उसने विरोधियों के मंसूबों पर जरूर पानी फेर दिया।
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 7 June 2024 at 19:04 IST