अपडेटेड 14 May 2024 at 19:14 IST

Loksabha Election 2024: आचार संहिता के दौरान अब तक भारत-पाक सीमा पर 49 ड्रोन बरामद

देश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से 60 दिन में बीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर 49 ड्रोन को या तो मार गिराया या बरामद किया है।

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सीमा पर ड्रोन बरामद | Image: PTI

Code of Conduct : देश में लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से 60 दिन में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 49 ड्रोन को या तो मार गिराया या बरामद किया है।

ताजा आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि चीन निर्मित ड्रोन की कुल बरामदगी वर्ष 2022 के बाद से जनवरी से मई की अवधि में लगभग 13 गुना तक बढ़ गई है। ये ड्रोन पाकिस्तान की ओर से भारत की पंजाब और राजस्थान सीमा में दाखिल होते हैं।

निर्वाचन आयोग की ओर से 16 मार्च को लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। भारत-पाकिस्तान की 2,289 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा करने वाली इकाई बीएसएफ के आंकड़े और ‘पीटीआई-भाषा’ के विश्लेषण से पता चलता है कि 16 मार्च से अब तक सुरक्षा एजेंसियों ने कुल 49 ड्रोन या तो बरामद किए गए या उन्हें मार गिराया गया।

सबसे अधिक 47 ड्रोन पंजाब में बरामद किए गए। पंजाब की 13 लोकसभा सीट के लिए एक जून को मतदान होना है। बाकी दो ड्रोन श्रीगंगानगर और बीकानेर सेक्टर में राजस्थान सीमा के पास से बरामद किए गए। इस सीमा की सुरक्षा का जिम्मा भी बीएसएफ पर है।

जम्मू सीमा पर 2020 में पहली बार ड्रोन बरामद किए जाने के बाद से यह खतरा तेजी से बढ़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में जनवरी से 14 मई के दौरान सीमा पर केवल छह ड्रोन या तो मार गिराए गए या बरामद किए। 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 14 हो गया और 2024 में इसी अवधि के दौरान 75 ड्रोन बरामद किए गए, जो कि 2022 की तुलना में 13 गुना अधिक है।

वर्ष 2022 में कुल 22 ड्रोन गिराए गए या बरामद किए गए, जबकि 2023 में यह संख्या 119 थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हवाई रास्ते से मादक पदार्थ और हथियारों से लदे ड्रोन अवैध रूप से पाकिस्तान से भारत की सीमा में प्रवेश करते हैं और निकट भविष्य में यह खतरा कम होता नजर नहीं आ रहा है।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘माना जाता है कि ऐसे ड्रोन बीएसएफ और राज्य पुलिस जैसे सुरक्षा बलों के तंत्र को चकमा देने में माहिर हैं, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि इन एजेंसियों की क्षमताएं समय के साथ बेहतर हुई हैं और वे इनका पता लगाने में सक्षम हैं।’’

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 14 May 2024 at 19:14 IST