अपडेटेड 22 February 2024 at 17:18 IST
तो जयंत चौधरी की खाली जगह को कांग्रेस से भर कर उत्तर प्रेदश में अखिलेश यादव साधेंगे लोकसभा चुनाव!
जयंत चौधरी ने इंडी गठबंधन को जोर का झटका दिया। लेकिन गठबंधन के इस लॉस ने कांग्रेस को मुस्कुराने की वजह दे दी है!
Akhilesh Yadav News: जयंत चौधरी के जाने से अखिलेश के साथ उनकी दोस्ती सालों से सुर्खियों में थी तो अचानक उस पर ब्रेक लग गई। लगातार बिखरते गठबंधन के लिए रालोद का जाने से सपा कांग्रेस का गठबंधन बच गया। सपा की उदारता का एक अहम फैक्टर रालोद का साथ छोड़ना भी रहा।
रालोद के कोटे की 7 सीटें खाली हुईं और सपा के लिए कांग्रेस को 17 सीटें देना आसान हो गया। अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, वाराणसी, महाराजगंज, देवरिया, बांसगांव, सीतापुर, अमरोहा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, कानपुर, झांसी, बाराबंकी, फतेहपुर सीकरी, सहारनपुर और मथुरा का नाम शामिल है। रालोद 2019 में तीन सीटों- मुजफ्फरनगर, मथुरा और बागपत पर लड़ी थी। इनमें से एक सीट मथुरा कांग्रेस की झोली में डाल दी गई है।
21 फरवरी को लगी मुहर
काफी दिनों की हां ना हां ना कहते कहते आखिरकार 21 फरवरी को डील सील हो गई। अखिलेश यादव को 20 फरवरी को रायबरेली में राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होना था। लेकिन एक दिन पहले कुछ ऐसा किया कि टूट पक्की माने जाने लगी। सपा ने कांग्रेस को ऑफर की सीट पर भी दावेदार घोषित कर दिया। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने हामी भर दी। दरअसल, सपा हाथरस की जगह सीतापुर चाहती थी। यही नहीं खीरी और मुरादाबाद सीट पर भी उसका दावा था।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने इमेज बचाने की कोशिश में नाराजगी को नजरअंदाज कर दिया। दूसरे राज्यों के अनुभव से सबक लिया और मिलकर आगे बढ़ने का रास्ता निकालना ठीक समझा। कांग्रेस ने मुरादाबाद, खीरी की जिद छोड़ दी तो सपा कांग्रेस को सीतापुर देने को तैयार हो गई। और 21 फरवरी को गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया।
ज्वाइंट पीसी कर कहा हां
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और महीनों से चली आ रहे मंथन और जोर आजमाइश का जिक्र किया गया। कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने महीनों के मशक्कत की चर्चा की तो उनके साथ बैठे सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने उनकी हां में हां मिलाई।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 22 February 2024 at 17:18 IST