अपडेटेड 27 March 2024 at 11:34 IST
Lok Sabha Election 2024: बिहार में सीट शेयरिंग पर फंसा पेच, कैसे होगा RJD-Congress में बंटवारा
महागठबंधन अपने ही भंवरजाल में फंसती दिख रही है। पहले फेज की वोटिंग सिर पर है और विरोधी खेमा आपस में उलझा दिख रहा है।
INDI Alliance Confusion Over Seat Sharing: एनडीए का रुख क्लियर है वहीं इंडी अलायंस के साथी अब भी गुणा भाग में लगे हैं। सारा खेला राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बिना सलाह मशविरा के चुनाव चिह्न बांटने पर शुरू हुआ। इस बीच पप्पू यादव कांग्रेसी हो गए तो यादव वोट बैंक पर वर्चस्व की जंग परोक्ष तौर पर दिखने लगी। रही सही कसर जदयू से राजद में शामिल हुईं बीमा भारती के आने से पूरी हो गई।
भारती ने आते ही पूर्णिया सीट पर दावेदारी ठोक दी। और यही इस गठबंधन के गले की फांस बन गया। पप्पू यादव ने भी कह दिया पूर्णिया मां जैसी है और वो ये सीट नहीं छोड़ेंगे। आपस की ये खींचतान बताती है कि दल दावा तो कर रहे हैं कि ऑल इज वेल है और आपस में बातचीत कर सीट शेयरिंग फाइनल कर रहे हैं लेकिन दिल्ली में राजद कांग्रेस कद्दावरों के बीच मंथन का नतीजा पहले फेज के नामांकन के आखिरी दिन भी स्पष्ट नहीं हुआ है।
क्या फॉर्मूला तय नहीं!
एक ओर बीजेपी ने एनडीए के तमाम घटक दलों के साथ मिल बैठकर सीट बंटवारा कर लिया। मैसेज स्वतः फैल गया कि तैयारी जीत की पूरी है। वहीं विपक्षी खेमा अब तक कुछ तय ही नहीं कर पाया है। कयासबाजियों और अटकलबाजियों से ही काम चलाया जा रहा है। दरअसल, मामला सीट बंटवारे के फॉर्मूले को लेकर अटक गया है। कहा जा रहा है कि राजद 25-26 तो कांग्रेस 6-7 सीट पर दम खम दिखा सकती है, ऐसा जानकार 3 विधायक पर एक लोकसभा सीट टिकट के आधार पर कह रहे हैं। लेकिन फिलहाल ऐसा कोई फॉर्मूला हवा में तो उड़ता दिखा लेकिन पेपर पर सेट होता नहीं दिखा।
26 मार्च को ही दोनों दलों के दिग्गज दिल्ली में मंथन कर रहे हैं। मुकुल वासनिक के आवास पर तेजस्वी यादव समेत तमाम कांग्रेसी दिग्गज एकत्रित हुए लेकिन बात बन नहीं पाई अगले दिन फिर जुटने का ऐलान हुआ और सब ठीकठाक करने की बात कही गई।
और बात यहां से शुरू हुई…
हाल ही में राजद की ओर से कुछ नाम सामने आए। पार्टी ने अपने सिंबल पर टिकट बांट दिए। इसी बात पर महागठबंधन के साथी बिफर गए। यही नहीं सीपीआई ने भी बेगूसराय से अपना कैंडिडेट अवधेश कुमार राय उतार दिया। जबकि इस सीट से सीपीआई के टिकट पर ही 2019 में कन्हैया कुमार लड़े थे और भाजपा के गिरिराज सिंह के हाथों हार गए थे। माना जा रहा था कि उन्हें ही टिकट थमाया जाएगा। लेकिन बात अटक के भटक गई। इसी दौरान पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। और यहीं से रस्साकशी का दौर जोर पकड़ने लगा। लड़ाई यादव वोट बैंक की है। राजद बीमा भारती को पूर्णिया से टिकट थमाना चाहती है - जिसकी मुनादी वो कर भी चुकी हैं तो दूसरी ओर पप्पू यादव भी अड़े हुए हैं!
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 27 March 2024 at 11:00 IST