अपडेटेड 5 March 2024 at 15:56 IST

मोदी के गढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व सांसद ने BJP में शामिल होते ही किया जोरदार हमला!

कांग्रेस को छोड़ BJP में शामिल होने वालों में वाराणसी के पूर्व MP राजेश कुमार मिश्रा भी शामिल हो गया है। पार्टी छोड़ते ही उन्होंने पूर्व दल पर जमकर निशाना साधा।

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भाजपा में शामिल हुए पूर्व सांसद | Image: x/ani

Varanasi News: एक ही दिन में कांग्रेस को झटके पर झटका लगा है। गुजरात में उसके दो कद्दावर बीजेपी को हो गए तो यूपी में खुद को समेटने की कोशिश में कांग्रेस बिखरती हुई दिखी। वाराणसी से कांग्रेस के पूर्व सांसद राजेश कुमार मिश्रा अब भाजपा के हो गए हैं।  

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और पार्टी नेता रविशंकर प्रसाद और अनिल बलूनी की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।  वाराणसी से पूर्व कांग्रेस सांसद राजेश कुमार मिश्रा पार्टी मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए।

शामिल होते ही उधेड़ी बखिया

बीजेपी में शामिल होने के साथ ही राजेश मिश्र ने विपक्ष की बखिया उधेड़ दी। अपना प्लान बताया। बोले- मेरी कोशिश होगी की इस बार बनारस लोकसभा सीट पर विपक्ष के दल का जो प्रत्याशी होगा उसको पोंलिग एजेंट नहीं मिलेगा... ये सौभाग्य की बात है की मोदी जी वाराणसी के सांसद है... पूरे दुनिया में मोदी जी ने देश का नाम रोशन किया।

 

कांग्रेस ने किया सपा के सामने सरेंडर- मिश्रा

मिश्रा को कांग्रेस सपा के गठजोड़ पर ऐतराज था।  इससे पहले फरवरी में राजेश मिश्रा ने सपा और कांग्रेस के बीच अलायंस होने के बाद पार्टी आलाकमान के खिलाफ खुलकर धावा बोला था। उन्होंने दावा किया था कि  कांग्रेस का संगठन खत्म हो गया है, बूथ स्तर के कार्यकर्ता भी नहीं बचे हैं।  पिछले तीस सालों में कांग्रेस की स्थिति काफी खराब हुई है। यूपी में कांग्रेस ने सपा के सामने सरेंडर कर दिया। गठबंधन में कांग्रेस को जो सीट मिली है, वहां पार्टी के पास उम्मीदवार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि न्याय यात्रा में जातियों  पर बोलना गलत है। मिश्रा ने कहा था कि राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा नहीं भारत तोड़ो नया यात्रा की तरह काम कर रहे हैं। कई वरिष्ठ नेता पार्टी से नाराज है। राजेश मिश्रा साल 2004 से 2009 के बीच वाराणसी से सांसद रहे हैं।

गुजरात में भी हालत पस्त

गुजरात में अर्जुन मोढवाडिया और अंबरीश डेर ने एक दिन पहले कांग्रेस का हाथ छोड़ा और अगले ही दिन बीजेपी का दामन थाम लिया। संभावना पहले से ही जताई जा रही थी कि ऐसा होगा। लोकसभा चुनाव की तारीख नहीं अनाउंस हुई है और उससे पहले एक साथ दो बड़े झटके लगे।  मोढवाडिया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस के रवैए से नाराज थे। उन्होंने कहा कि पार्टी में उनकी नहीं सुनी गई। नजरअंदाज किया गया।

मोढवाडिया पोरबंदर से सीटिंग एमएलए हैं और उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया था। ऐसा करते ही कांग्रेस के विधानसभा में मात्र 14 विधायक रह गए हैं।

Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 5 March 2024 at 14:40 IST