अपडेटेड 24 February 2024 at 16:01 IST
Delhi में विपक्ष जीरो बटा सन्नाटा, गठबंधन के बाद भी लोकसभा चुनाव में BJP का दबदबा कम कर पाएगा INDI?
Lok Sabha Election : फॉर्मूले के अनुसार, दिल्ली में 7 सीटों में से कांग्रेस 3 पर चुनाव लड़ेगी, जबकि AAP शेष 4 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारेगी।
Congress AAP Alliance : कई हफ्तों के सस्पेंस और खींचतान के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन तय हुआ है। शनिवार को दोनों दल INDI अलायंस के बैनर तले खड़े हुए और एक दूसरे का साथ निभाने का वादा किया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली में गठबंधन की घोषणा एक दूसरे का हाथ उठाकर की और संदेश दिया कि उनका गठबंधन आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पटखनी देने के लिए बना है।
देश की राजधानी दिल्ली में लोकसभा की कुल 7 सीटें हैं, जिनमें फॉर्मूले के अनुसार, कांग्रेस 3 पर चुनाव लड़ेगी, जबकि AAP शेष 4 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारेगी। दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और नई दिल्ली लोकसभा सीटें आम आदमी पार्टी के खाते में आई हैं, जबकि कांग्रेस चांदनी चौक, उत्तर पश्चिम दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ेगी।
गठबंधन पर क्या बोले कांग्रेस और AAP नेता?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक कहते हैं, दिल्ली में कांग्रेस के 3 सीट पर लड़ने के बावजूद पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का प्रयास होगा कि सभी 7 सीट पर गठबंधन जीते।
AAP के महासचिव संदीप पाठक कहते हैं कि वो अपने छोटे-छोटे हितों को दरकिनार करके और देश के हित को ध्यान में रखकर साथ आए हैं। देश हमेशा महत्वपूर्ण है, पार्टी इसके बाद आती है। संदीप पाठक दावा करते हैं कि बीजेपी ने जो भी रणनीति बनाई थी, अब इस गठबंधन की घोषणा के बाद वो पूरी तरह से बिखर जाएगी। देश की जनता के साथ मिलकर ये चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।
यह भी पढ़ें: गुजरात की भरूच सीट गई आप के खाते में, क्या दिग्गज कांग्रेसी अहमद पटेल का परिवार करेगा बगावत?
क्या कहता है दो चुनावों का ट्रेंड?
फिलहाल लोकसभा के हिसाब से दिल्ली में विपक्ष जीरो बटा सन्नाटा है। दिल्ली से एक भी सांसद लोकसभा में ना कांग्रेस का है और ना ही आम आदमी पार्टी का है। फिलहाल 2024 के लोकसभा चुनावों में दोनों दलों के साथ चुनाव लड़ने से क्या परस्थिति बदलेगी, ये नतीजों के बाद ही पता चलेगा, लेकिन पिछला ट्रेंड कांग्रेस और AAP गठबंधन की उम्मीदों के एकदम विपरीत है।
पिछले 2 लोकसभा चुनावों में दिल्ली की जनता ने लोकसभा चुनावों में बीजेपी को चुना है। सभी 7 सीटों पर बीजेपी जीती थी। आंकड़े बताते हैं कि 2019 में बीजेपी को 56.9 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। कांग्रेस के 22.6 प्रतिशत और 18.2 फीसदी को भी मिला लिया जाए तो दोनों का वोट प्रतिशत 40.8 फीसदी बैठता है।
इसके पहले 2014 में भी बीजेपी ने सभी 7 दिल्ली में क्लीन स्विप किया था। उस समय बीजेपी को 46.6 प्रतिशत लोगों ने वोट दिया, जबकि आम आदमी पार्टी को 33.1 प्रतिशत और कांग्रेस को 15.2 फीसदी वोट मिला था। 2014 में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ होते तो परिस्थिति अलग हो सकती थी। क्योंकि दोनों का वोट प्रतिशत 2014 में 48.3 फीसदी बैठता है।
दिल्ली विधानसभा की स्थिति
अहम ये है कि दिल्ली विधानसभा के चुनावों में बीजेपी के लिए नतीजे जरूर उलट रहे हैं। AAP ने राष्ट्रीय राजधानी में 2015 के विधानसभा चुनावों में 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2020 में अपने प्रदर्शन को लगभग दोहराते हुए अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने विधानसभा में 70 में से 62 सीटें हासिल करके दबदबा कायम किया था। 2020 में बीजेपी को विधानसभा में 8 सीटें मिली थीं।
हालांकि लोकसभा का ट्रेंड साफ बताता है कि आम चुनावों में पाला बीजेपी का भारी है। ऐसे में सवाल ये है कि गठबंधन के बाद भी INDI गठबंधन के ये दल लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा कम कर पाएंगे।
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 24 February 2024 at 15:55 IST