अपडेटेड 27 February 2024 at 20:55 IST

2019 में AAP प्रत्याशियों की हुई थी जमानत जब्त, इस बार दिल्ली में क्या है विपक्ष का प्लान?

Lok Sabha Election 2024 : आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के सामने दिल्ली में बड़ी चुनौती है। दिल्ली की सभी 7 सीटों पर 2014 से बीजेपी का कब्जा है।

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दिल्ली में क्या है विपक्ष का प्लान? | Image: Republic

Lok Sabha Election 2024 : दिल्ली की 7 लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रही है। AAP दिल्ली में चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस तीन सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। AAP ने लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली की चारों सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। AAP ने सोमनाथ भारती को नई दिल्ली, कुलदीप कुमार को पूर्वी दिल्ली, महाबल मिश्रा को पश्चिम दिल्ली और सहीराम पहलवान को दक्षिण दिल्ली से अपना प्रत्याशी बनाया है।

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के सामने दिल्ली में बड़ी चुनौती है। दिल्ली की सभी 7 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। विपक्ष के सामने बीजेपी के इस किले में सेंध लगाना बिल्कुल भी आसान नहीं होगा। बीजेपी लगातार तीसरी बार दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर कमल खिलाना चाहती है। दिल्ली की 7 लोकसभा सीटें 2014 से बीजेपी के पास हैं।

2019 में जमानत हुई थी जब्त

2019 के चुनावों में बीजेपी उम्मीदवारों को हर सीट पर कांग्रेस और आप उम्मीदवारों की संयुक्त वोट से अधिक वोट मिले थे। बीजेपी उम्मीदवारों ने कांग्रेस और आप उम्मीदवारों को लाखों मतों के अंतर से हराया था। आप के तीन उम्मीदवारों, चांदनी चौक से पंकज गुप्ता, नई दिल्ली से ब्रिजेश गोयल और उत्तर पूर्व दिल्ली से दिलीप पांडे की 2019 लोकसभा चुनाव में जमानत जब्त हो गई थी।

क्या गठबंधन से होगी जीत?

इस बार कांग्रेस और AAP गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। विपक्ष को उम्मीद है कि दोनों पार्टियों का वोटबैंक मिलकर दिल्ली की सीटों पर जीत दर्ज करेगा, लेकिन अगर आंकड़ों की बात करें तो ये किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीट पर भारी हार के बावजूद कांग्रेस छह सीट पर दूसरे नम्बर पर रही थी, जबकि आप तीसरे स्थान पर रही थी। दक्षिणी दिल्ली से आप के राघव चड्ढा एकमात्र ऐसे उम्मीदवार थे, जो दूसरे नम्बर पर रहे थे।

विपक्षी INDI गठबंधन के उम्मीदवारों के सामने एक बड़ी चुनौती 2019 के चुनाव में जीतने वाले बीजेपी उम्मीदवारों और पराजित उम्मीदवारों के बीच वोट के भारी अंतर को पाटना होगा। बीजेपी उम्मीदवारों ने कांग्रेस और आप उम्मीदवारों को लाखों मतों के अंतर से हराया था। AAP और कांग्रेस ने 2019 में भी दिल्ली में गठबंधन करने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा करने में असफल रहे थे।

5.5 लाख से अधिक वोट से हराया

बीजेपी के दो बार के सांसद मनोज तिवारी ने 2019 में उत्तर पूर्व दिल्ली सीट पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार शीला दीक्षित को 3.6 लाख वोट से हराया था। शहर के सभी संसदीय क्षेत्रों के मुकाबले यहां मुस्लिम आबादी का प्रतिशत सबसे अधिक (29 प्रतिशत से अधिक) है। उत्तर पश्चिमी दिल्ली से वर्तमान बीजेपी सांसद हंसराज हंस ने 2019 में AAP के गुगन सिंह को 5.5 लाख से अधिक वोट से हराया था। इसके अलावा चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से जे.पी अग्रवाल को बीजेपी के हर्षवर्धन ने करीब 2.3 लाख वोट से हराया था।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 27 February 2024 at 20:55 IST