अपडेटेड 13 May 2023 at 08:42 IST
Karnataka Election 2023: मिशन 2024, दक्षिण में सत्ता का द्वार कर्नाटक बीजेपी के लिए अहम क्यों?
विधानसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी का फोकस कर्नाटक पर था। मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में कर्नाटक के 6 सांसद शामिल हैं। संगठन मंत्री बीएल संतोष भी कर्नाटक से आते हैं।
Karnataka Election 2023 : कर्नाटक में हर पार्टी पूर्ण बहुमत के जादुई आंकड़े को छूना चाहती है। दक्षिण के दुर्ग यानि कर्नाटक की चाबी हासिल करना बीजेपी के लिए अहम है। दक्षिण भारत में कर्नाटक बीजेपी के लिए सत्ता का द्वार माना जा रहा है। कर्नाटक ही दक्षिण भारत का इकलौता राज्य है जहां बीजपी सत्ता में है। कर्नाटक का 38 साल का इतिहास है कि किसी भी पार्टी को जनादेश दोबारा नहीं मिला।
कर्नाटक को छोड़कर दक्षिण भारत में आम तौर पर कांग्रेस और बीजेपी जैसे राष्ट्रीय दलों की तुलना में क्षेत्रीय दलों का दबदबा है। कर्नाटक की सत्ता फिलहाल बीजेपी के हाथ में हैं। बीजेपी के लिए कर्नाटक इस लिए भी अहम है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 28 में से 26 सीटों पर जनता ने NDA को जिताया था। अपनी इस जीत को बीजेपी इस विधानसभा चुनाव में भी जारी रखना चाहती है।
कर्नाटक पर बीजेपी का फोकस
पीएम मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में कर्नाटक को नंबर-1 बनाने पर जोर दिया था। पीएम ने कर्नाटक को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने का वादा किया है। विधानसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी का फोकस कर्नाटक पर था। मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में कर्नाटक के 6 सांसद शामिल हैं। संगठन मंत्री बीएल संतोष भी कर्नाटक से आते हैं। बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या कर्नाटक से हैं। इसके अलावा बीजेपी संसदीय बोर्ड में भी 2 सदस्य कर्नाटक के शामिल हैं।
2018 विधानसभा चुनाव
2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। कर्नाटक में कांग्रेस दूसरे और जेडीएस तीसरे नंबर पर रही थी। 2018 के चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया था। 2018 में
- बीजेपी को 104
- कांग्रेस को 80
- JDS को 37
- और अन्य के खाते में 3 सीट गई थी।
2018 का कर्नाटक वोट शेयर
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 में वोट शेयर के मामले में भी बीजेपी सबसे आगे थी। बीजेपी को 36.2%, कांग्रेस को 28%, JDS को 18.3% और अन्य को 17.5% वोट हासिल हुए थे।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 13 May 2023 at 08:42 IST