अपडेटेड 23 September 2024 at 00:16 IST
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले उमर अब्दुल्ला को माफी मांगनी चाहिए: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को अपना मन बदलकर चुनाव लड़ने के लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए थी।
विश्वसनीयता के संकट को भारतीय राजनीति के सामने सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को अपना मन बदलकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए थी।
पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला दो विधानसभा क्षेत्रों (गांदरबल और बडगाम) से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उन्होंने शुरुआत में जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल होने से पहले चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी।
जम्मू हवाई अड्डा मार्ग पर अलग-अलग जगहों पर कई पोस्टर लगे हैं, जिनमें चुनाव लड़ने के फैसले को लेकर अब्दुल्ला की दोहरी बात पर सवाल उठाए गए हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘विश्वसनीयता का संकट भारतीय राजनीति में सबसे बड़ी चुनौती है। जब मैं हवाई अड्डे से बाहर आया तो एक पोस्टर देखकर मुझे दुख हुआ और मैंने सोचा कि भारतीय राजनीति को क्या हो गया है। पोस्टर में एक युवा नेकां नेता की तस्वीर थी, जिन्होंने कहा था कि मैं राज्य का दर्जा बहाल होने तक चुनाव नहीं लड़ूंगा, लेकिन अब वे दो सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।’’
रक्षा मंत्री ने भाजपा उम्मीदवार नरिंदर सिंह के समर्थन में यहां सैनिक कॉलोनी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘उन्हें कोई समस्या नहीं हो सकती है लेकिन मैं आहत हूं क्योंकि कम से कम उन्हें लोगों से माफी मांगनी चाहिए थी।’’
जम्मू-कश्मीर में 25 सितंबर को दूसरे चरण के चुनाव से पहले यह उनकी इस दिन की चौथी रैली थी।
दूसरे चरण में मध्य कश्मीर के श्रीनगर, गांदरबल और बडगाम जिलों और जम्मू क्षेत्र के राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों की कुल 26 सीट पर मतदान होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनने पर राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा कर रहे हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘जब केंद्र में उनकी सरकार नहीं है तो वे ऐसा कैसे करेंगे? केंद्र में सरकार के बिना राज्य का दर्जा बहाल करना संभव नहीं है।’’
सिंह ने कहा कि किसी व्यक्ति की सबसे बड़ी पूंजी उसकी विश्वसनीयता है, इसिलए जो कहा जाए वह करना चाहिए और कथनी व करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘वर्ष 1951 से हमारा घोषणापत्र उठा लें, हमने जो कहा है वह किया है। हमने बहुमत मिलने पर अनुच्छेद 370 को रद्द करने का वादा किया था जिसे हमने अगस्त 2019 में एक चुटकी में कर दिया।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा भाजपा सरकार देगी। सिंह ने कहा, ‘‘यह मेरा आश्वासन नहीं है बल्कि क्षेत्र के लोगों को प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया आश्वासन है।’’
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 23 September 2024 at 00:16 IST