अपडेटेड 22 September 2024 at 23:56 IST
Haryana Election: कुमारी शैलजा कांग्रेस से करेंगी बगावत? BJP के पास कई मास्टर प्लान, अगर फेल तो...
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीते कुछ दिनों से सबसे ज्यादा कोई नाम अगर चर्चाओं में है वो कुमारी शैलजा (Kumari Selja) का।
Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीते कुछ दिनों से सबसे ज्यादा कोई नाम अगर चर्चाओं में है वो कुमारी शैलजा (Kumari Selja) का। कांग्रेस ( Congress ) नेता उनका नाम ले नहीं रहे है तो बीजेपी ( BJP ) के नेता बार-बार कुमारी शैलजा का नाम लेकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।
हरियाणा में विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार के बीच अचानक कुमारी शैलजा का पब्लिक से गायब हो जाना कई संकेत दे रहा है। सूत्रों से खबरें मिल रही है कि कांग्रेस नेताओं की बयानबाजियों से आहत सैलजा कांग्रेस पार्टी भी छोड़ सकती हैं। साथ ही इस मुद्दे पर अभी तक कांग्रेस आलाकमान से भी उनकी कोई बात नहीं हुई है।
कांग्रेस के लिए मुसीबत बनेगी शैलजा की नाराजगी
एक तरफ कांग्रेस से नाराजगी तो दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं की कुमारी शैलजा के पक्ष में बयानबाजी, चुनावों के बीच नए समीकरण के संकेत दे रही है। लगातार दो बार से राज्य में सत्ता हासिल करने वाली बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने के लिए ऐड़ी से चोटी तक का जोर लगाए हुए है तो दूसरी तरफ 10 सालों से हरियाणा की सत्ता से दूर कांग्रेस हर कीमत पर सत्ता में आना चाहती है। ऐसे में कुमारी सैलजा की नाराजगी कांग्रेस के लिए सत्ता में आने के सपने पर पानी फेर सकती है।
कुमारी शैलजा को लेकर बीजेपी का प्लान
हरियाणा में चुनावों के बीच कुमारी शैलजा की नाराजगी की खबर बीजेपी के लिए ऐसी है जैसे बिन मांग कोई मुराद पूरी हो गई हो। वोटिंग से पहले बड़े दलित नेता की कांग्रेस से नाराजगी बीजेपी के लिए आपदा में अवसर का काम कर सकती है, शायद यही कारण है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कुमारी शैलजा को लेकर बयान दे रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीजेपी कुमारी शैलजा को भाजपा में शामिल होने का ऑफर भी दे चुकी है।
शैलजा की नाराजगी, बीजेपी के लिए मौका
अब ऐसे में सवाल ये है कि क्या कुमारी शैलजा कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आएंगी या फिर कांग्रेस में ही रहकर कांग्रेस का खेल बिगाड़ेंगीं। क्योंकि अगर कुमारी शैलजा कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार नहीं करती हैं तो इसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को होगा। राज्य में करीब 21 फीसदी दलित मतदाता है जो सैलजा की नाराजगी से बीजेपी के पक्ष में जा सकते हैं। 90 में 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में कुमारी शैलजा की कांग्रेस से नाराजगी बीजेपी के लिए दोनों हाथों में लड्डू के समान दिखाई दे रही है। अगर शैलजा भाजपा में शामिल होती हैं तो इसका सीधा फायदा पार्टी को चुनावों में होगा और कांग्रेस में रहकर प्रचार के लिए नहीं निकलती हैं तो भी फायदा भाजपा का हो होगा।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 22 September 2024 at 21:03 IST