अपडेटेड 11 September 2024 at 14:50 IST
हरियाणा कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार! जीत से पहले ही हुड्डा ने ठोकी दावेदारी, शैलजा का क्या होगा?
हरियाणा में चुनावों से पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए कांग्रेस में खींचतान है। एक तरफ भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं तो दूसरी ओर कुमारी सैलजा दावेदारी ठोक रही है।
Haryana Election: हरियाणा में 10 साल से सत्ता से बेदखल कांग्रेस खुद को पुनर्जीवित रखने की लड़ाई लड़ रही है तो चुनावों के बीच पार्टी में एक अनार सौ बीमार जैसी नौबत सामने खड़ी है। सूबे में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है और तभी जनता अपना फैसला लिखेगी, जो अगले 5 साल के लिए प्रदेश का भविष्य तय करेगा। हालांकि चुनावों और जीत से पहले ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री की दावेदारी को लेकर खींचतान दिखाई पड़ती है।
हरियाणा में गुटबाजी को कांग्रेस हाईकमान बेहतर तरीके से जानता है और शायद इसीलिए किसी एक चेहरे पर सीधे दांव नहीं खेला है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर अंदरखाने का घमासान छिड़ा है। दो प्रमुख कैंप (हुड्डा बनाम सैलजा कैंप) के नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने को लेकर आंतरिक लॉबिंग तेज है और इसी बीच भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर दावेदारी ठोक डाली है।
भूपेंद्र हुड्डा ने फिर दिए संकेत
गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा क्षेत्र में रैली करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा- 'मैं आज जो भी हूं वो आप (जनता) सभी के आशीर्वाद की बदौलत हूं। जनता ने हरियाणा की सेवा करने का मौका दिया, मैंने भी छाती अड़ाकर हरियाणा को विकास में नंबर-1 बनाया। लेकिन मुझे इस बात की टीस है कि आज हरियाणा बेरोजगारी, महंगाई, अपराध में नंबर-1 पर है। अब एक बार फिर वही समय आया है। मैं आपके आशीर्वाद से हरियाणा को फिर से नंबर-1 बना दूंगा।' इस बयान के मायने यही कह रहे हैं कि हुड्डा एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर रहे हैं।
CM की कुर्सी पर सैलजा की भी नजर
इधर हरियाणा के चुनाव में कुमारी सैलजा अपनी ताकत दिखा रही हैं। गांधी परिवार के करीबी नेताओं में गिनी जाने वालीं कुमारी सैलजा भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर निगाहें गड़ाए हुए हैं। मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा पर वो कई बार खुलकर बोल चुकी हैं। सैलजा बार-बार कहती हैं कि 'वो हरियाणा के लोगों की सेवा का मौका चाहती हैं।' इसके लिए वो दलित कार्ड भी खेल रही हैं और कहती हैं कि 'हरियाणा में दलित CM क्यों नहीं हो सकता है।'
हुड्डा या सैलजा, कांग्रेस की रुख किस ओर?
खैर, दोनों गुटों में खींचतान के बीच कांग्रेस पार्टी का रुख अगर देख लिया जाए तो पक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ झुकता दिखाई पड़ता है। हरियाणा में अभी भी भूपेंद्र हुड्डा के बाद ही कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे नेताओं की गिनती की जा रही है। टिकटों के बंटवारे को देखकर पता चलता है कि इसमें भूपेंद्र हुड्डा का रोल सबसे अहम है। अभी तक पार्टी ने हुड्डा समर्थक नेताओं को ऊपर रखा है। खुद भूपेंद्र हुड्डा को पार्टी टिकट दे चुकी है, लेकिन विधानसभा चुनाव लड़ने की बात करने वाली कुमारी सैलजा के नाम की घोषणा पार्टी ने अभी तक नहीं की है। अगर अगली लिस्ट में भी कुमारी सैलजा और सुरजेवाला को टिकट नहीं मिला तो तकरीबन स्पष्ट हो जाएगा कि ये दोंनों नेता रेस से बाहर हो चुके हैं।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 11 September 2024 at 14:50 IST