अपडेटेड 9 February 2025 at 14:09 IST

दिल्ली में जीतते ही BJP के विधायक ने कर दिया बड़ा ऐलान, बोले- बदलकर रहूंगा मुस्तफाबाद का नाम

Mohan Singh Bisht: पिछली बार करावल नगर से विधायक रहे मोहन सिंह बिष्ट ने इस बार मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा है और जीत हासिल की है।

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मुस्तफाबाद से बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायक मोहन सिंह बिष्ट | Image: ANI

Mohan Singh Bisht Mustafabad: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की जीत होते ही एक नवनिर्वाचित विधायक ने बड़ा ऐलान कर दिया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता मोहन सिंह बिष्ट का कहना है कि वो मुस्तफाबाद का नाम बदलेंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के ठीक अगले ही दिन मोहन सिंह बिष्ट ने ये घोषणा की है।

पिछली बार करावल नगर से विधायक रहे मोहन सिंह बिष्ट ने इस बार मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा है और जीत हासिल की है। नतीजों के एक दिन बाद नवनिर्वाचित विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने बयान दिया है कि वो मुस्तफाबाद का नाम बदलना है। उन्होंने कहा कि मुस्तफाबाद का नाम शिवपुरी या शिव विहार हो सकता है। बीजेपी के विधायक का ये भी कहना है कि मुस्तफाबाद हिंदू आबादी वाला क्षेत्र है और वो इसका नाम बदलकर रहेंगे।

मोहन सिंह बिष्ट के बारे में जानिए

मोहन सिंह बिष्ट दिल्ली की राजनीति के दिग्गज हैं और पहली बार 1998 में करावल नगर से विधायक चुने गए थे, जिस सीट पर वो 2015 तक बने रहे। हालांकि 2015 में वो मिश्रा से हार गए थे। उस समय कपिल मिश्रा AAP के टिकट पर लड़ रहे थे। पांच साल बाद साल 2020 में मोहन सिंह बिष्ट ने AAP के दुर्गेश पाठक को हराकर करावल नगर को वापस छीन लिया। इस बार करावल नगर से सीन मोहन सिंह बिष्ट को टिकट नहीं मिला था,जिससे वो नाराज थे। हालांकि अपने सबसे अनुभवी नेताओं में से एक मोहन सिंह बिष्ट को शांत करने और उन्हें मुस्लिम बहुल सीट मुस्तफाबाद से मैदान में उतारने का बीजेपी का कदम रंग लाया है।

मुस्तफाबाद में मोहन सिंह बिष्ट ने परचम लहराया

मुस्तफाबाद में मोहन सिंह बिष्ट ने परचम लहराया है। उन्होंने AAP के अदील अहमद खान को 17578 वोटों से हराया। चुनावों से पहले मुस्तफाबाद विधानसभा सीट ने, जहां 39.5% मुस्लिम आबादी है, तब सुर्खियां बटोरीं जब AIMIM ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद और 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सीट से मैदान में उतारा। उत्तर पूर्वी दिल्ली का मुस्तफाबाद 2020 के दंगों के दौरान सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक था, जिसमें कम से कम 53 लोगों की जान चली गई थी।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 9 February 2025 at 13:34 IST