अपडेटेड 8 October 2025 at 14:57 IST
'दे दो केवल 15 ग्राम, HAM वही खुशी से खाएंगे...', बिहार चुनाव में सीट बंटवारे पर टेंशन; मांझी ने BJP से इशारों में मांगी इतनी सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद से राजनीतिक दलों में खींचतान शुरू हो गई हैं। एनडीए और महागठबंधन के घटकदलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर घमासान मचा हुआ है।
बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद से राजनीतिक दलों में खींचतान शुरू हो गई हैं। एनडीए और महागठबंधन के घटकदलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर घमासान मचा हुआ है। अब इसी खींचतान को लेकर एनडीए के साझेदार और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि हमने बीजेपी को अपनी मंशा बता दी हैं। साथ ही उन्होंने राष्ट्र कवि दिनकर की एक कविता को कोट करते हुए अपना राजनीतिक उद्देश्य बता दिया है।
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी मांग जगजाहिर कर दी है। उन्होंने राष्ट्रकवि दिनकर की कविता के जरिए 15 सीटों की मांग रखी है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा- “हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, HAM वही ख़ुशी से खाएंगें, परिजन पे असी ना उठाएँगे”।
जीतन राम मांझी को कितनी सीटों का मिल रहा ऑफर?
एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर तमाम बड़े नेताओं की ओर से मंथन किया जा रहा है। ना सिर्फ जीतन राम मांझी बल्कि चिराग पासवान को भी जो सीटें मिल रही हैं उससे वे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। यही कारण है कि सीट बंटवारे का ऐलान औपचारिक रूप से नहीं हो सका है। अब तक के फॉर्मूले के अनुसार मांझी को सात सीटें दी जा सकती हैं।
हालांकि मांझी ने अपने बयान से ये तो स्पष्ट कर दिया है कि उनके पाला बदलने की कोई संभावना नहीं है। यानी जो भी सीटें मिलेंगी उसमें या तो वे खुश रहेंगे या फिर नहीं भी होते हैं तो एनडीए में बने रहेंगे। चर्चा है कि जीतन राम मांझी 15 सीटों पर अड़े हैं। जेडीयू या बीजेपी जैसी बड़ी पार्टी इतना देने पर राजी नहीं है।
आपको बता दें कि मांझी यह भी कह चुके हैं कि इस बार का विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी के लिए ‘‘करो या मरो’’ की स्थिति है, क्योंकि मान्यता प्राप्त पार्टी बनने के लिए 243 सदस्यीय सदन में कम से कम आठ विधायकों की जीत या छह प्रतिशत मतों की जरूरत है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 8 October 2025 at 14:17 IST