अपडेटेड 8 April 2024 at 18:17 IST

अटल बिहारी वाजपेयी का आखिरी चुनाव, जब कांग्रेस प्रत्याशी ने वापस ले लिया था अपना नामांकन

2004 लोकसभा चुनाव अटल बिहारी वाजपेयी का आखिर चुनाव था। इसके बाद उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा। कांग्रेस ने उनके खिलाफ अखिलेश प्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाया था

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जब अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी ने वापस ले लिया नामांकन | Image: Republic

Lok Sabha Chunav : भारतीय राजनीति में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र जब भी होगा तो देशहित में उसके फैसलों के लिए इतिहास के आईने में तौला जाएगा। अटल, भारतीय राजजनीति का वो नाम है। जिनका सम्मान जितना भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने किया उतना ही सम्मान दूसरे दल के नेता भी करते थे। पूर्व प्रधानमंत्री जिस राजनीतिक परंपरा से ताल्लुक रखते थे, उसमें विरोधियों के सम्मान और मानवीय मर्यादा का विशेष स्थान था।

भारतीय राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी का पुरजोर दखल दशकों तक रहा। उन्होंने अपनी दूरदर्शिता, करिश्माई व्यक्तित्व और शानदार वक्ता होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी और देश की अमिट छाप छोड़ी है। एक सांसद के रूप में उन्होंने दो बार राज्यसभा और 10 बार लोकसभा सदस्य के रूप में काम किया। जितना दिलचस्प उनका पूरा राजनीतिक करियर रहा, उतना ही दिलचस्प आखिरी चुनाव था।

अटल के खिलाफ कांग्रेस का पर्चा वापस

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने 2004 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट से चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने उनके खिलाफ अखिलेश प्रसाद को अपना प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन चुनाव से पहले ही उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था। इसके बाद कांग्रेस ने निर्दलीय प्रत्साशी राम जेठमलानी को अपना समर्थन दिया था। कांग्रेस का एक वर्ग का यह भी कहता था कि अटल के खिलाफ राम जेठमलानी को मजबूत प्रत्याशी मानते हुए ही कांग्रेस ने अखिलेश का नामांकन वापस कराया था।

जेठमलानी को मिले 57 हजार वोट

2004 का लोकसभा चुनाव अटल बिहारी वाजपेयी का आखिर चुनाव था। इसके बाद उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा। निर्दलीय प्रत्साशी राम जेठमलानी ने अटल के खिलाफ खूब भाषण दिए थे, लेकिन जब चुनाव परिणाम आया तो वे तीसरे नंबर पर थे। जेठमलानी को महज 57 हजार वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मधु गुप्ता रही थीं। उनको 2 लाख 20 हजार के बड़े मार्जिन से हार मिली थी।

लखनऊ में 20 मई को वोटिंग

इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में पूरा होगा। उत्तर प्रदेश में सभी 7 चरणों में वोटिंग होनी है। लखनऊ में पांचवें चरण में 20 मई को चुनाव होना है। पांचवें चरण में 14 सीटों पर मतदान होना है। जिसमें लखनऊ, मोहनलालगंज, रायबरेली, अमेठी, जालौन, फतेहपुर, झांसी, हमीरपुर, बांदा, बाराबंकी, कौशांबी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा शामिल हैं। 

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 8 April 2024 at 17:13 IST