अपडेटेड 7 February 2025 at 23:16 IST
जानिए क्या है 17C? जिसे लेकर केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल; अब EC ने बता दिया पूरा सच
फॉर्म 17C चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए एक जरूरी दस्तावेज है। इसमें मतदान केंद्र पर कितने वोट डाले गए इससे जुड़ी पूरी जानकारी होती है।
Delhi Election Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव पर आए एग्जिट पोल में 27 साल बाद राजधानी में भारतीय जनता की सरकार बन रही है। BJP को बढ़त देने वाले एग्जिट पोल पर कटाक्ष करते हुए आम आदमी पार्टी लगातार इन्हें खारिज कर रही है। बीजेपी और AAP दोनों ही पार्टी के नेता अपनी-अपनी जीत के लिए आश्वस्त हैं। एग्जिट पोल के बाद अब अरविंद केजरीवाल ने फॉर्म 17C के बहाने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं।
दिल्ली चुनाव मतगणना से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी के कई बार कहने के बावजूद फॉर्म 17C और प्रत्येक विधानसभा में प्रति बूथ डाले गए वोटों की संख्या अपलोड करने से इनकार कर दिया है। केजरीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा-
कई अनुरोधों के बावजूद चुनाव आयोग ने फॉर्म 17C और प्रत्येक विधानसभा में प्रति बूथ डाले गए वोटों की संख्या अपलोड करने से इनकार कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने एक वेबसाइट बनाई है, जहां हमने हर विधानसभा के सभी फॉर्म 17C अपलोड किए हैं। इस फॉर्म में हर बूथ पर पड़े वोटों का पूरा ब्यौरा है। यह कुछ ऐसा है जो चुनाव आयोग को पारदर्शिता के हित में करना चाहिए था लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं।
चुनाव आयोग ने दिया जवाब
अरविंद केजरीवाल के सवाल पर अब चुनाव आयोग ने उन्हें जवाब दिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली के कार्यालय ने एक्स हैंडल पर लिखा कि चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 49S के अनुसार, सभी पीठासीन अधिकारियों ने मतदान के दिन, 5 फरवरी 2025 को मतदान केंद्र पर प्रत्येक मतदान एजेंट को फॉर्म 17C में दर्ज वोटों का लेखा-जोखा दिया था। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में प्रत्येक मतदान केंद्र पर नियमों का पालन किया गया है।
क्या है फॉर्म 17C?
भारत में 17C चुनाव से जुड़ा एक कानूनी प्रावधान है, जो रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 के तहत आता है। यह चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 के सेक्शन 17C के तहत, हर चुनाव में एक गणना पत्रक (Form 17C) तैयार किया जाता है, जिसमें मतदान से जुड़ी जानकारी होती है। जैसे-
- मतदान केंद्र पर डाले गए कुल वोटों की संख्या
- EVM और VVPAT की जानकारी
फॉर्म 17C क्यों महत्वपूर्ण है?
हर पोलिंग एजेंट को वोटिंग के बाद इसकी कॉपी दी जाती है, ताकि चुनाव में पारदर्शिता बनी रहे। किसी भी चुनावी विवाद में यह कानूनी दस्तावेज के रूप में काम करता है। EVM और VVPAT की गिनती से इसका मिलान किया जाता है, ताकि कोई गड़बड़ी न हो। अगर किसी पोलिंग एजेंट को यह फॉर्म नहीं मिलता, तो उस मतदान केंद्र के नतीजों पर सवाल उठ सकते हैं।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 7 February 2025 at 17:35 IST