अपडेटेड 9 February 2025 at 16:46 IST

शराब के ठेके, शीशमहल, सत्ता से पैसा, पैसे से सत्ता के खेल में फंसे केजरीवाल, दिल्ली में AAP की हार पर अन्ना हजारे की नसीहत

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की करारी हार पर समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से गलती ये हुई, सत्ता में आने के बाद शराब के ठेके देना शुरू किया।

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Anna hazare | Image: Anna hazare

Anna Hazare: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की करारी हार पर समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से गलती ये हुई, सत्ता में आने के बाद शराब के ठेके देना शुरू किया, समाज को बर्बाद करने का रास्ता शराब है। इसलिए हमारे गांव में जो शराब की भट्टी थी, आज 22 साल हो गए, किसी दुकान में बीड़ी, सिगरेट खैनी नहीं मिलती है। ये समाज और देश के लिए करना जरूरी है।

अरविंद केजरीवाल पहले हमारे साथ में थे, वो सत्ता में आ गए, शराब के ठेके दिए, शराब के लाइसेंस दिए। कई शराब की दुकानें खोली। सभी राजनीति बुरी है, ये मैं नहीं मानता, राजनीति में भी कई लोग अच्छे होते हैं। पहले अरविंद ने कहा था कि मैं छोटे कमरे में रहता हूं, बदलूंगा नहीं, बाद में मुझे सुनने में आया शीशमहल बनाया। मुझे 90 साल हो गए, मैं भी कहीं भी शीशमहल बना सकता था।अभी भी खाने की प्लेट और बिस्तर के अलावा मेरे पास कुछ नहीं है। आनंद बाहर नहीं, आनंद अपने भीतर है।

अच्छा काम करने पर अंदर से आनंद मिलता है- अन्ना हजारे

अन्ना हजारे ने कहा कि समाज के लिए अच्छा काम करने पर अंदर से आनंद मिलता है। लोगों के चेहरे पर समाधान दिखना, हमारा आनंद है। समाज को हानि पहुंचाना गलत है, समाज की भलाई हमारा ध्येय होना चाहिए। मुझे 17 साल की उम्र में दिखाई दिया, शादी करने से मैं समाज की सेवा नहीं कर पाएंगा तो मैंने तय किया शादी नहीं करूंगा। आज 90 साल हो गए, आज मैं उसे अनुभव करता हूं, मैं 90 साल की उम्र में भी आनंद में डूबा रहता हूं।

सत्ता से पैसा, पैसे से सत्ता, इसके पीछे दौड़ते हैं- अन्ना हजारे

उन्होंने कहा कि केजरीवाल के पार्टी बनाने पर मैं उनसे दूर हो गया, फिर उन्होंने क्या किया, क्या नहीं, मुझे पता नहीं। जब से उन्होंने पार्टी निकाली, तब से मैं उनसे बाजू में हो गया, फिर उनके पास नहीं गया। सत्ता से पैसा, पैसे से सत्ता, इसके पीछे दौड़ते हैं, अरे पैसे से क्या करोगे। मुझे पता नहीं, बीजेपी अच्छी है या बुरी है, ये समाज को तय करना है। मुझे दुख होता है, मेरे साथ में थे, आशा की किरण थे, नवयुवक थे, समाज की लड़ाई के लिए आगे आए लेकिन जब ये शराब की बातें आई तो मुझे दुख हुआ, फिर मैंने छोड़ दिया।

मतदाता राजा होता है, चुनाव में लड़ने वाले सेवक- अन्ना हजारे

अन्ना हजारे ने कहा कि सामने वाले की गलती दिखाई दी तो मतदाता बहुत जागरूक हैं, वो वोट नहीं देंगे। इसलिए जागरूक मतदाता लोकतंत्र का आधार हैं, इसलिए मुझे प्रसन्नता है। मतदाता राजा होता है, चुनाव में लड़ने वाले सेवक है। अरविंद केजरीवाल मुझे आशा की किरण दिखाई दिए थे। सत्ता और पैसा आने के बाद और शराब की दुकान, शराब के ठेके, शराब के परमिट ये सब उनके दिमाग में घुस गया। हम पहले से शराब का विरोध करते थे, इसलिए वो हमारे साथ में थे। जब तक पक्ष और पार्टी में वो हैं, हम उनके नजदीक नहीं जाते हैं। हमने पहले से ही बोला था,पक्ष और सत्ता में नहीं जाना, जनता की सेवा करना है। फिर उसने पक्ष निकाला, पार्टी निकाली, तब मैं अलग हो गया। मैं राजनीति में नहीं जाना चाहता हूं। मैं शुरू में दुखी नहीं था, लेकिन जब उसका रास्ता गलत हो गया, सत्ता में आ गया, सत्ता से बुद्धि पलट हो गई। मेरी उम्र 90 साल हो गई है, मैं अगर शराब के अधीन होता तो इतने साल का नहीं होता। 

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 9 February 2025 at 16:46 IST