अपडेटेड 9 July 2025 at 23:52 IST

बिहार बंद के जरिए महागठबंधन दिखाना चाहता था ताकत, लेकिन कन्हैया और पप्पू यादव की 'बेइज्जती' से उल्टी पड़ जाएगी चाल?

विपक्षी एकता दिखाने के लिए महागठबंधन ने लगाई मंच, लेकिन कन्हैया कुमार और पप्पू यादव के साथ आज बिहार बंद के दौरान जो हुआ, वह सवाल खड़े कर रहा है।

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कन्हैया और पप्पू यादव की 'बेइज्जती' से उल्टी पड़ जाएगी चाल? | Image: ANI/File Photo

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो चुकी है। एक तरफ महागठबंधन तो वहीं दूसरी ओर NDA की ओर से तैयारियां शुरू हो गई है। बिहार में महागठबंधन इस बार पूरी तरह से अपनी वापसी के लिए अभियान में जुट गया है। इस बीच विपक्षी दलों ने 9 जुलाई को बिहार बंद का ऐलान किया। हालांकि, बिहार बंद का असर कुछ जिलों में देखने को मिला। वहीं विपक्षी एकता का मंच सियासी एकता का अखाड़ा बन गया।

दरअसल, बिहार बंद के दौरान तेजस्वी के साथ राहुल गांधी भी मौजूद रहे। इस बीच विपक्षी एकता मंच पर आज कुछ ऐसा हुआ, जिसने बिहार बंद का सारा फोकस अपनी ओर खींच लिया। मामला कांग्रेस सांसद पप्पू यादव और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार से जुड़ा है।

विपक्षी एकता दिखाना चाहता था महागठबंधन

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ विपक्ष ने एक साथ मंच पर आकर विरोध किया। इस विरोध के जरिए महागठबंधन अपनी एकता दिखाना चाहता था। हालांकि, अब जो तस्वीरें आई, वह कुछ और ही बयां करती नजर आ रही है। विरोध के दौरान कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को मंच पर चढ़ने से मना कर दिया गया। जो तस्वीरें और वीडियो सामने आया है, उसमें दोनों कांग्रेस नेताओं को मंच पर जाने से रोका जा रहा है। इतना ही नहीं, पप्पू यादव को तो धक्का भी दिया गया।

तेजस्वी का रवैया गठबंधन को कमजोर करेगा: पप्पू यादव

दरअसल, पप्पू यादव 2015 में राजद का साथ छोड़ दिया। इसके बाद 2024 में उन्होंने पूर्णिया सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा। उन्होंने राजद नेता बीमा भारत को हराया। ऐसे में जब आज पप्पू यादव को मंच पर चढ़ने नहीं दिया गया, तो उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का यह रवैया गठबंधन को कमजोर करेगा। मैं जनता के लिए लड़ता हूं, मंच की जरूरत नहीं। तेजस्वी यादवों के साथ अन्याय कैसे बर्दाश्त करते हैं? कांग्रेस और हमारे नेताओं से इतनी नफरत क्यों?

महागठबंधन की एकता पर उठ सकता है सवाल

वहीं अगर कन्हैया कुमार की बात करें तो, वह हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में भी हिस्सा लिया था। वहीं पार्टी में शामिल होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने बिहार में पलायन रोको नौकरी दो रैली की कमान कन्हैया कुमार को दी थी। कन्हैया कुमार की इस रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए। हालांकि, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मुलाकात के बाद से पार्टी में कन्हैया कुमार की सक्रियता कम देखने को मिली। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के नेताओं का इग्नोर होना महागठबंधन के लिए एक प्रश्नचिन्ह खड़े कर सकता है।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 9 July 2025 at 23:51 IST