अपडेटेड 19 April 2025 at 14:50 IST
भारत के इस बड़े फैसले से अब थर-थर कांपेंगे पाकिस्तान और चीन! इस देश से खरीदेगा दुनिया के सबसे खतरनाक 40 फाइटर जेट
भारत ने फ्रांस से 40 और राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का निर्णय लिया है। यह खरीदारी भारतीय वायुसेना की सैन्य क्षमता को और मजबूत करेगी।
India Purchase 40 New Rafale Fighter Jets: भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमानों की घटती संख्या को लेकर रक्षा विशेषज्ञों ने गंभीर चिंता व्यक्त की है, खासकर जब चीन अपनी वायुसेना की क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रहा है। यह स्थिति भारतीय वायुसेना के लिए एक चुनौतीपूर्ण दौर में बदलती जा रही है, क्योंकि क्षेत्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, वायुसेना की ताकत बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में, एक प्रमुख रक्षा वेबसाइट ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया कि भारत सरकार ने इस स्थिति का समाधान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने फ्रांस से 40 और राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का निर्णय लिया है। यह खरीदारी भारतीय वायुसेना की सैन्य क्षमता को और मजबूत करेगी और चीन के बढ़ते वायुशक्ति पर काबू पाने के लिए भारत की तैयारियों को एक नई दिशा देगी। राफेल विमान, जो अपने अत्याधुनिक तकनीकी फीचर्स और बहुउद्देशीय कार्यक्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं, भारतीय वायुसेना के लिए एक रणनीतिक जरूरत बन गए हैं। इन विमानों का अतिरिक्त बेड़ा भारतीय वायुसेना को न केवल उच्च स्तर की हवाई रक्षा में मदद करेगा, बल्कि चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से आने वाली किसी भी संभावित हवाई चुनौती का मुकाबला करने के लिए भारत को सक्षम बनाएगा। भारत का यह कदम क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उसकी रणनीतिक योजनाओं का हिस्सा है, जो राष्ट्रीय रक्षा नीति और सामरिक जरूरतों के अनुरूप है।
अप्रैल के अंत में भारत दौरे पर आएंगे फ्रांस के रक्षामंत्री!
भारत और फ्रांस के बीच एक महत्वपूर्ण रक्षा सौदा होने जा रहा है, जो सरकार से सरकार (G2G) स्तर पर होगा। इस सौदे के तहत, भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए फ्रांस से राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस के रक्षा मंत्री 28 या 29 अप्रैल को भारत के दौरे पर होंगे, जहां दोनों देशों के बीच यह समझौता किया जाएगा। राफेल मरीन लड़ाकू विमान भारतीय नौसेना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इन्हें भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर तैनात किया जाएगा। ये अत्याधुनिक विमानों की विशेषताओं के कारण भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमता को बढ़ावा मिलेगा, और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
इस समझौते से इंडियन एयरफोर्स को मिलेगी ताकत
फ्रांस से राफेल मरीन फाइटर जेट्स की खरीद, भारत के रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीय नौसेना को अत्याधुनिक विमान प्रणाली से लैस करेगा। ये विमानों को भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर तैनात करने से समुद्री सुरक्षा को नई मजबूती मिलेगी, खासकर ऐसे समय में जब भारतीय समुद्री क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियां चिंता का कारण बनी हुई हैं। इस समझौते से भारत की सैन्य ताकत को और अधिक मजबूती मिलेगी और यह क्षेत्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है। डिफेंस की एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सरकार के सीनियर अधिकारियों ने पुष्टि की है कि भारत और फ्रांस के बीच हाल ही में उच्च स्तरीय बातचीत हुई है। इस बैठक में दोनों देशों के रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। भारत में निर्मित हेलीकॉप्टरों के लिए फ्रांस की प्रमुख रक्षा कंपनी, सफ्रान से इंजन की खरीद और भारतीय वायुसेना के लिए राफेल लड़ाकू विमानों की दूसरी खेप की खरीद।
भारत की बढ़ती रक्षा जरूरतों के लिए ये साझेदारी महत्वपूर्ण
भारत की बढ़ती रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए फ्रांस के साथ इस साझेदारी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सफ्रान इंजन, जो कि विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी से लैस हैं, भारतीय सैन्य हेलीकॉप्टरों के प्रदर्शन और विश्वसनीयता को बढ़ाने में मदद करेंगे। वहीं, भारतीय वायुसेना के लिए राफेल लड़ाकू विमानों की दूसरी खेप की खरीद भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को और मजबूत करेगी, खासकर क्षेत्रीय सुरक्षा संकटों को देखते हुए। यह बैठक भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को एक नए स्तर पर लेकर जाने का संकेत देती है, और यह दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ये डील भारतीय वायुसेना को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी
इस समझौते को वर्तमान में 'फास्ट-ट्रैक MRFA-प्लस डील' का नाम दिया गया है। MRFA प्रोग्राम भारत की वायुसेना को एक सशक्त और आधुनिक लड़ाकू बेड़े से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समझौता भारतीय वायुसेना की रणनीतिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है, ताकि भारत अपनी हवाई सुरक्षा को और मजबूत कर सके, खासकर ऐसे समय में जब क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं। फास्ट-ट्रैक MRFA-प्लस डील, जिस पर बातचीत तेज़ी से चल रही है, भारतीय वायुसेना के लिए उच्चतम तकनीकी मानकों से लैस लड़ाकू विमानों के बेड़े का विस्तार करेगी। इससे भारतीय वायुसेना को न केवल अपनी मौजूदा ताकत को बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि उसे भविष्य की सैन्य चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार किया जाएगा। यह डील भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है, और साथ ही यह भारत की वायुशक्ति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का माध्यम बनेगी।
एयर फोर्स को मजबूत बनाए जाने के किए जा रहे उपाय
भारतीय वायुसेना को पूरी तरह से ताकतवर बनाए रखने के लिए उसकी स्क्वाड्रन की संख्या को न्यूनतम 42.5 तक बनाए रखना आवश्यक है, लेकिन वर्तमान में वायुसेना के पास केवल 31 स्क्वाड्रन हैं। यह स्थिति भारतीय वायुसेना के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है, विशेष रूप से तब जब चीन और पाकिस्तान दोनों देशों के साथ एक साथ युद्ध की संभावना को लेकर सुरक्षा विशेषज्ञ चिंता जाहिर कर रहे हैं। रिटायर्ड वायुसेना अधिकारियों ने इस स्थिति को 'आपातकाल' तक करार दिया है, जो दर्शाता है कि भारतीय वायुसेना की मौजूदा क्षमता क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए अपर्याप्त हो सकती है। भारतीय वायुसेना की स्क्वाड्रन की संख्या में कमी, वायु रक्षा प्रणाली की समग्र क्षमता पर नकारात्मक असर डाल सकती है, खासकर यदि दो मोर्चों पर युद्ध की स्थिति उत्पन्न होती है।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 19 April 2025 at 14:50 IST