अपडेटेड 28 May 2025 at 16:53 IST
AMCA: 5th जेनरेशन फाइटर जेट बनाने की तैयारी में भारत, क्या है AMCA ? भारत के पास अभी किस पीढ़ी के फाइटर जेट
पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट AMCA प्रोजेक्ट को लेकर भारत में एक बड़ा फैसला लिया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में इस परियोजना के ‘एक्जीक्यूशन मॉडल’ को मंजूरी दी गई है। इस महत्वाकांक्षी प्रोग्राम का नेतृत्व एयरोनॉटिकल डेवेलपमेंट एजेंसी (ADA) करेगी।
भारत ने अपनी वायुसेना को भविष्य की लड़ाइयों के लिए और भी सक्षम बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) परियोजना के 'एक्जीक्यूशन मॉडल' को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के साथ भारत ने न सिर्फ अपनी एयरोस्पेस तकनीक को एक नई ऊंचाई दी है, बल्कि अमेरिका, रूस और चीन जैसे तकनीकी महाशक्तियों की कतार में शामिल होने का ठोस संकेत भी दिया है। यह प्रोजेक्ट देश की रक्षा तैयारियों को मजबूती देने के साथ-साथ 'मेक इन इंडिया' पहल को भी नई दिशा देगा।
पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट AMCA प्रोजेक्ट को लेकर भारत में एक बड़ा फैसला लिया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में इस परियोजना के ‘एक्जीक्यूशन मॉडल’ को मंजूरी दी गई है। इस महत्वाकांक्षी प्रोग्राम का नेतृत्व एयरोनॉटिकल डेवेलपमेंट एजेंसी (ADA) करेगी, और इसमें देश की निजी रक्षा कंपनियों को भी सक्रिय भागीदारी दी जाएगी। यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर आधारित होगी, जो भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और सशक्त बनाएगी और घरेलू उद्योगों को नई ऊर्जा प्रदान करेगी।
क्या है एएमसीए?
AMCA एक अत्याधुनिक 25 टन वजनी ट्विन-इंजन स्टेल्थ मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे खासतौर पर आधुनिक और भावी युद्धों की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। यह लड़ाकू विमान 6.5 टन की ईंधन क्षमता से लैस होगा और इसकी सबसे बड़ी ताकत है इसका स्टेल्थ डिजाइन, जो इसे दुश्मन के रडार से लगभग अदृश्य बना देता है। इसकी संरचना में एक इंटरनल वेपन्स बे शामिल है, जिसमें चार लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइलें और कई प्रिसिजन गाइडेड बम फिट किए जा सकते हैं। इसका अर्थ है कि AMCA दुश्मन की सीमा में गहराई तक जाकर बिना अपनी मौजूदगी का पता चले सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मिशन को अंजाम देने में सक्षम होगा। यह विमान न सिर्फ तकनीकी रूप से अत्याधुनिक होगा, बल्कि भारत की सामरिक ताकत को भी एक नई धार देगा।
कितने अपडेटेड हैं 5वीं जनरेशन फाइटर जेट?
पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स को आधुनिक युद्ध की सबसे घातक और तकनीकी रूप से सबसे अपडेटेड मशीनरियों में गिने जाते हैं। ये विमान अपनी असाधारण क्षमताओं के कारण पिछली पीढ़ियों के मुकाबले कहीं अधिक प्रभावशाली और निर्णायक सिद्ध होते हैं। आइए इनकी प्रमुख खूबियों पर एक नजर डालते हैं।
स्टेल्थ टेकनीक: दुश्मन के रडार को चकमा देने की ताकत
पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि उनका रडार क्रॉस-सेक्शन न्यूनतम हो, जिससे वे दुश्मन के रडार पर न के बराबर दिखाई दें। यही स्टेल्थ क्षमता इन्हें 'पहले देखो, पहले मारो' की रणनीति में अजेय बनाती है, और युद्ध के मैदान में इन्हें एक निर्णायक बढ़त दिलाती है।
सुपरसोनिक स्पीड: ध्वनि से भी तेज उड़ान
ये जेट्स सुपरक्रूज़ तकनीक से लैस होते हैं, जिससे ये बिना आफ्टरबर्नर के ही ध्वनि से तेज रफ्तार (सुपरसोनिक स्पीड) पर उड़ सकते हैं। इससे ईंधन की बचत होती है और ये लंबी दूरी तक मिशन अंजाम देने में सक्षम होते हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका का F-22 रैप्टर सुपरक्रूज़ में मच 1.5 की रफ्तार तक पहुंच सकता है।
अपडेटेड सेंसर और डेटा नेटवर्किंग
इन विमानों में AESA रडार, इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) और सेंसर फ्यूजन तकनीक जैसी हाईटेक प्रणालियाँ होती हैं, जो पायलट को युद्धक्षेत्र की 360-डिग्री जानकारी देती हैं। ये जेट्स रीयल-टाइम डेटा को ड्रोन, सैटेलाइट्स और अन्य सैन्य इकाइयों के साथ साझा कर सकते हैं, जिससे समन्वय और रणनीति में तीव्रता आती है।
मल्टी-कैपसिटी इंजन: एक विमान, कई मिशन
पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स न सिर्फ हवा से हवा और हवा से जमीन हमलों में सक्षम होते हैं, बल्कि वे इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, इंटेलिजेंस, और सर्विलांस जैसे कई मिशनों में भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका का F-35 लाइटनिंग II एक ही विमान के विभिन्न कॉन्फिगरेशन में इन सभी भूमिकाओं को निभाने में सक्षम है। इन सभी खूबियों के चलते 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स आधुनिक वायुसेना की रीढ़ बनते जा रहे हैं और भारत का AMCA प्रोजेक्ट भी इसी दिशा में एक निर्णायक कदम है।
5th जेनरेशन के कुछ फाइटर जेट्स:
- लॉकहीड मार्टिन F-22 रैप्टर (अमेरिका)
- लॉकहीड मार्टिन F-35 लाइटनिंग II (अमेरिका)
- चेंगदू J-20 माइटी ड्रैगन (चीन)
- सुखोई Su-57 फेलॉन (रूस)
भारत के पास अभी किस जेनरेशन के फाइटर जेट हैं?
वर्तमान में भारतीय वायु सेना (IAF) के बेड़े में चौथी और 4.5 पीढ़ी के फाइटर जेट्स शामिल हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम हैं। हालांकि, इन विमानों की क्षमताओं की एक सीमा है जब तुलना की जाती है पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स से। चौथी और 4.5 जेनरेशन के विमान भले ही आधुनिक एवियोनिक्स, हथियार प्रणालियों और बेहतर मैन्युवरिंग से लैस हों, लेकिन ये स्टेल्थ तकनीक, सेंसर फ्यूजन, और सुपरक्रूज़ जैसी उन अत्याधुनिक विशेषताओं से वंचित हैं जो 5वीं पीढ़ी के जेट्स को युद्ध के मैदान में निर्णायक बढ़त देती हैं। यही कारण है कि भारत अब AMCA जैसे स्वदेशी 5th जेनरेशन फाइटर जेट्स की ओर कदम बढ़ा रहा है ताकि आने वाले समय में वायुसेना की शक्ति को वैश्विक मानकों पर खरा उतारा जा सके और रणनीतिक श्रेष्ठता सुनिश्चित की जा सके।
राफेल फाइटर जेट: भारतीय वायुसेना के आधुनिक बेड़े में राफेल लड़ाकू विमानों की मौजूदगी एक बड़ी रणनीतिक ताकत है। भारत के पास फिलहाल 36 राफेल जेट हैं, जो अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हैं और किसी भी मुकाबले में दुश्मन पर भारी पड़ सकते हैं। राफेल में स्टेल्थ-जैसे फीचर्स, AESA रडार, और SPECTRA इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम जैसी उन्नत क्षमताएं शामिल हैं, जो इसे न केवल दुश्मन के रडार से बचाने में मदद करती हैं, बल्कि जटिल युद्ध स्थितियों में भी अद्वितीय कुशलता प्रदान करती हैं। इन विशेषताओं के चलते राफेल, भारतीय वायुसेना के सबसे ताकतवर और भरोसेमंद फाइटर जेट्स में से एक बन चुका है जो चौथी पीढ़ी के विमानों में भी एक श्रेष्ठ उदाहरण माना जाता है।
सुखोई Su-30 MKI: भारतीय वायुसेना की ताकत का एक प्रमुख स्तंभ है सुखोई Su-30 MKI, जिसे 4.5 जेनरेशन का मल्टी-रोल फाइटर जेट माना जाता है। कुल 272 विमानों का यह विशाल बेड़ा वायुसेना की संचालन क्षमता की रीढ़ बना हुआ है। Su-30 MKI की सबसे बड़ी ताकत इसकी थ्रस्ट वेक्टरिंग तकनीक है, जो इसे अद्भुत गतिशीलता और हवा में बेजोड़ मैन्युवरिंग क्षमता प्रदान करती है। इसके साथ ही यह विमान ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल जैसे घातक हथियारों से भी लैस है, जो इसे लंबी दूरी तक सर्जिकल स्ट्राइक करने में सक्षम बनाता है। इन खूबियों के कारण Su-30 MKI न सिर्फ आकाश में प्रभुत्व स्थापित करने वाला विमान है, बल्कि यह भारतीय वायुसेना की रणनीतिक गहराई और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का भी प्रतीक बन चुका है।
मिराज 2000, मिग-29 UPG, जगुआर और तेजस: भारतीय वायुसेना के बेड़े में मिराज 2000, मिग-29 UPG, जगुआर और तेजस जैसे चौथी पीढ़ी के फाइटर जेट्स भी शामिल हैं, जो आज भी देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये सभी विमान अपनी-अपनी विशिष्ट क्षमताओं के साथ भारतीय वायु सीमा की रक्षा के लिए तैनात हैं चाहे वह मिराज 2000 की सटीक स्ट्राइक क्षमता हो, मिग-29 UPG की हवा से हवा में युद्ध कौशल, जगुआर की ग्राउंड अटैक स्पेशलाइजेशन हो या स्वदेशी तेजस की बहुउद्देशीय संचालन क्षमता। हालांकि ये चौथी पीढ़ी के विमान हैं, फिर भी इनकी ताकत और भरोसेमंद प्रदर्शन ने बार-बार यह साबित किया है कि भारत की हिफाजत करने और दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में ये पूरी तरह सक्षम हैं।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 28 May 2025 at 16:53 IST