अपडेटेड 11 May 2025 at 19:08 IST
BREAKING: 'हमने 100 आतंकियों को मार गिराया' प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बोले DGMO
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना के तीनों अधिकारियों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता, रणनीतिक उद्देश्यों और पाकिस्तान के साथ वर्तमान हालात पर विस्तार से जानकारी दी।
भारत द्वारा हाल ही में किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' और पाकिस्तान के साथ उत्पन्न हुए तनाव के मद्देनजर रविवार को तीनों सेनाओं थल, वायु और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस विशेष प्रेस वार्ता की शुरुआत भगवान शिव के स्तुति गीत 'शिवतांडव' की मंत्रमुग्ध कर देने वाली धुन से की गई, जो पूरे माहौल को गंभीर और प्रतीकात्मक बना गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वायु सेना के महानिदेशक वायु अभियान (DG Air Ops) एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती, और नौसेना के महानिदेशक नौसेना अभियान (DGNO) वाइस एडमिरल एएन प्रमोद मौजूद रहे।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना के तीनों अधिकारियों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता, रणनीतिक उद्देश्यों और पाकिस्तान के साथ वर्तमान हालात पर विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि भारतीय सशस्त्र बल हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और देश की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर के रणनीतिक महत्व को लेकर कई अटकलें चल रही हैं, और इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को उसी संदर्भ में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
भारतीय थल सेना ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर'को अंजाम दिया, जिसका उद्देश्य था आतंकवादियों का सफाया करना। इस ऑपरेशन की जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई, जिसमें सैन्य अभियान के महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि सेना ने इस कार्रवाई के तहत कुल 100 आतंकियों को मार गिराया। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि यह ऑपरेशन केवल जवाबी कार्रवाई नहीं था, बल्कि एक स्पष्ट और ठोस संदेश था कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। सेना ने न सिर्फ आतंकियों को निशाना बनाया, बल्कि उनके अड्डों को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई के प्रमाण भी मीडिया के सामने प्रस्तुत किए गए।
ऑपरेशन के दौरान तीन कुख्यात और वांछित आतंकवादी मुदस्सर खार, हाफिज जमील और यूसुफ अजहर को भी ढेर कर दिया गया, जो लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में थे। यह अभियान न सिर्फ रणनीतिक रूप से सफल रहा, बल्कि यह देश के प्रति सेना की प्रतिबद्धता और साहस का भी प्रतीक बन गया।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 11 May 2025 at 19:01 IST