अपडेटेड 30 April 2025 at 17:00 IST
Pahalgam: पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच भारत के पास पहुंची AT4 हथियारों की बड़ी खेप; रूस-यूक्रेन युद्ध में बरपाया था कहर
स्वीडन की प्रमुख रक्षा कंपनी SAAB ने भारत को AT4 एंटी-आर्मर हथियार प्रणाली की सफल डिलीवरी की है।
AT4 Anti-Armor Weapon System: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे हालात में भारत की सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। जल, थल और वायु तीनों मोर्चों पर भारतीय सेनाएं (Indian Army) किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। देशभर में उच्च स्तरीय बैठकें हो रही हैं और रणनीतिक तैयारियां (Strategic Preparations)तेज कर दी गई हैं।
इसी बीच, स्वीडन की प्रमुख रक्षा कंपनी SAAB ने भारत को AT4 एंटी-आर्मर हथियार प्रणाली (AT4 Anti-Armor Weapon System) की सफल डिलीवरी की है। यह हथियार प्रणाली भारतीय सशस्त्र बलों के युद्ध कौशल में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी मानी जा रही है। SAAB ने इसे भारत को सौंपे जाने को "गर्व का क्षण" करार दिया है।
भारतीय सेना को मिला AT4CS AST वैरिएंट
कंपनी के मुताबिक, AT4 प्रणाली को प्रतिस्पर्धी मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद चुना गया और इसे कम दूरी की लड़ाई के लिए एक सिंगल-शॉट समाधान के रूप में विकसित किया गया है। भारत ने इसका AT4CS AST वैरिएंट खरीदा है, जिसे खास तौर पर सीमित स्थानों में युद्ध संचालन जैसे कि इमारतों, बंकरों और शहरी इलाकों के लिए डिजाइन किया गया है।
यह सौदा ऐसे समय हुआ है जब सीमा पर स्थिति नाजुक बनी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह डिलीवरी भारतीय सेना की तात्कालिक सामरिक जरूरतों को पूरा करने में कारगर साबित होगी।
बता दें कि यूक्रेन आर्मी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान AT4 एंटी-आर्मर हथियार प्रणाली से रूसी टेंकों और ब्ख्तरबंद गाड़ियों को काफी नुकसान पहुंचाया था।
भारत और SAAB की साझेदारी और मजबूत
SAAB ने पहले से ही भारत को अपनी मशहूर Carl-Gustaf रीकॉइललेस राइफल सिस्टम मुहैया कराई है, जिसका भारतीय सेना लंबे समय से उपयोग कर रही है। AT4 की डिलीवरी इस साझेदारी को और गहरा करती है और भविष्य में उन्नत हथियार प्रणालियों के क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते खोल सकती है।
हवाई अड्डों की सुरक्षा में SR-3 रडार की तैनाती
इसके अलावा, SAAB का Surface Movement Radar (SR-3) भारत के प्रमुख हवाई अड्डों पर सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी भूमिका निभा रहा है। यह रडार प्रणाली 16-आवृत्ति विविधता के साथ आती है, जो बेहद खराब मौसम, खासकर भारी बारिश में भी उच्च प्रदर्शन सुनिश्चित करती है। फिलहाल यह रडार अहमदाबाद, अमृतसर और जयपुर जैसे बड़े हवाई अड्डों पर तैनात है और वहां सिचुएशनल अवेयरनेस और सुरक्षा बढ़ाने में मदद कर रहा है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 30 April 2025 at 17:00 IST