अपडेटेड 18 March 2025 at 17:43 IST
एसबीआई की इकाई को कोलकाता से हटाने की योजना पर राष्ट्रपति से दखल देने का अनुरोध
एसबीआई की इकाई को कोलकाता से हटाने की योजना पर राष्ट्रपति से दखल की मांग को लेकर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ सक्रिय एक नागरिक समाज मंच ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की वैश्विक बाजार इकाई (जीएमयू) को कोलकाता से हटाकर मुंबई ले जाने के प्रस्ताव पर चिंता जताने के साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
‘बैंक बचाओ देश बचाओ मंच’ ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि एसबीआई के इस नियोजित कदम से पश्चिम बंगाल की वित्तीय पारिस्थितिकी कमजोर होगी और कई नौकरियों का भी नुकसान उठाना पड़ेगा।
इस मंच ने पत्र में एसबीआई के अपने केंद्रीकृत ग्लोबल बैक ऑफिस, विदेशी मुद्रा ट्रेजरी, डेरिवेटिव और संरचित उत्पाद प्रभागों सहित प्रमुख विदेशी मुद्रा संचालन को स्थानांतरित करने के निर्णय पर चिंता व्यक्त की है।
फोरम ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा, ‘‘एसबीआई का जीएमयू अपनी स्थापना के बाद से ही कोलकाता से काम कर रहा है और सिडनी, बहरीन, हांगकांग, लंदन और न्यूयॉर्क जैसे वैश्विक केंद्रों में वित्तीय लेनदेन का प्रबंधन करता है।’’
इसने राष्ट्रपति से मुंबई में 'वित्तीय संचालन के केंद्रीकरण को रोकने' की अपील करते हुए कहा है कि जीएमयू को भी मुंबई ले जाना वित्तीय विकेंद्रीकरण और क्षेत्रीय आर्थिक स्थिरता के सिद्धांतों के खिलाफ है।
इस पत्र पर टिप्पणी के लिए एसबीआई के बंगाल क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक से संपर्क नहीं किया जा सका।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 18 March 2025 at 17:43 IST