अपडेटेड 13 March 2025 at 19:51 IST
अप्रैल-दिसंबर में कागज और पेपरबोर्ड का आयात 20 प्रतिशत बढ़ा: आईपीएमए
वर्ष 2024-25 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में भारत में कागज और पेपरबोर्ड का आयात 20 प्रतिशत बढ़कर 17.6 लाख टन हो गया।
वर्ष 2024-25 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में भारत में कागज और पेपरबोर्ड का आयात 20 प्रतिशत बढ़कर 17.6 लाख टन हो गया। भारतीय कागज निर्माता संघ (आईपीएमए) ने यह जानकारी दी।
एसोसिएशन ने कहा कि मूल्य के लिहाज से कागज और पेपरबोर्ड का आयात बढ़कर 11,196 करोड़ रुपये (1.3 अरब डॉलर का) हो गया - जो नौ महीने की अवधि में पहली बार 10,000 करोड़ रुपये के आंकड़े के पार गया है। साथ ही कहा कि मात्रा के लिहाज से आयात नौ महीनों में सबसे अधिक रहा है।
आईपीएमए ने कहा, ‘‘इस उछाल में एक महत्वपूर्ण योगदान चीन से आयात में 36 प्रतिशत की वृद्धि और आसियान से मात्रा के लिहाज से 23 प्रतिशत की वृद्धि है, जिससे भारतीय कागज निर्माताओं के सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं।’’
आईपीएमए के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला कागज बाजार बना हुआ है, फिर भी घरेलू विनिर्माण क्षेत्र संघर्ष कर रहा है क्योंकि बढ़ती मांग को तेजी से आयात से पूरा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह विरोधाभास - जहां मांग बढ़ रही है जबकि घरेलू विनिर्माण प्रभावित हो रहा है - एक दुर्लभ और खतरनाक स्थिति है।’’
आईपीएमए ने घरेलू बाजार में भारतीय निर्माताओं के लिए समान प्रतिस्पर्धा अवसर सुनिश्चित करके कागज और पेपरबोर्ड के नुकसान पहुंचाने वाले आयात को रोकने के लिए सरकार से नीतिगत हस्तक्षेप की मांग की है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 13 March 2025 at 19:51 IST